लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले BJP ने लॉन्च किया “मैं मोदी का परिवार हूँ” गीत, पीएम मोदी के किया शेयर

मैं मोदी का परिवार हूँ पंच लाइन को अलग अलग भाषाओँ में भी बोला गया है जिससे ये गीत देश एक हर नागरिक को उनका गीत लगे.. गीत में खेत में काम करते किसान, मुस्लिम बहनें, कश्मीर का युवा सबको शामिल किया है , पीएम मोदी ने  इसे सोशल मीडिया X पर "मेरा भारत, मेरा परिवार" लिखकर शेयर किया है। 

Atul Saxena
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Modi Ka Pariwar

BJP launches “main modi ka parivar hu” song : आज दोपहर लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जायेगा, उससे पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने आज मैं मोदी का परिवार हूँ गीत लॉन्च कर दिया, 3 मिनट 13 सेकण्ड के इस गीत में मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई हैं, केंद्र की सत्ता में तीसरी बार लौटने की तैयारी कर रही भाजपा ने इस गीत को ठीक चुनाव से पहले लॉन्च कर विपक्ष को कड़ा जवाब दिया है।

विपक्ष के नेता लंबे समय से  पीएम मोदी और उनके परिवार पर तंज कसते रहे हैं लेकिन पिछले दिनों इंडी गठबंधन की पटना रैली में लालू यादव ने जब सीधा मोदी पर उनके बच्चे नहीं होने, निजी परिवार नहीं होने पर प्रहार किया तो भाजपा ने “मैं हूँ मोदी का परिवार” कैंपेन ही शुरू कर दिया।

3 मिनट 13 सेकण्ड के इस गीत में मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र

कैंपेन में भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया पर अपने नाम के साथ मोदी का परिवार जोड़कर कहा कि हम सब मोदी का परिवार हैं और आज इसी क्रम में भाजपा ने विपक्ष को जवाब देते हुए “मैं मोदी का परिवार हूँ” गीत लॉन्च कर दिया, 3 मिनट 13 सेकण्ड के इस गीत में  पीएम मोदी के भाषण, मोदी सरकार की उपलब्धियों का जिक्र है।

पीएम मोदी ने“मेरा भारत, मेरा परिवार” लिखकर X पर किया शेयर 

गीत की सबसे खास बात ये है कि इसमें अलग अलग राज्य के लोगों, अलग अलग कार्य क्षेत्र के लोग, बच्चे , महिला पुरुष शामिल किये गए हैं  इतना ही नहीं मैं मोदी का परिवार हूँ पंच लाइन को अलग अलग भाषाओँ में भी बोला गया है जिससे ये गीत देश एक हर नागरिक को उनका गीत लगे.. गीत में खेत में काम करते किसान, मुस्लिम बहनें, कश्मीर का युवा सबको शामिल किया है , पीएम मोदी ने  इसे सोशल मीडिया X पर “मेरा भारत, मेरा परिवार” लिखकर शेयर किया है। 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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