SBI ग्राहकों को बड़ा झटका, बैंक ने बढ़ाये इस सर्विस के चार्ज

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। यदि आपका खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है तो ये खबर आपके लिए जानना बहुत जरूरी है।स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India, SBI) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को झटका दिया है। एसबीआई 1 फरवरी 2022 से IMPS करने के नियमों में बदलाव कर दिया है। नए बदलाव के मुताबिक SBI के ग्राहकों को अब ऑनलाइन ट्रांजिक्शन (Online Transaction) के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।

जानकारी के अनुसार देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने 1 फरवरी 2022 से आईएमपीएस ट्रांजेक्शन (IMPS Transaction) में एक नया स्लैब जोड़ दिया है, जो 2 लाख से 5 लाख रुपये का है। बैंक ने इसकी जानकारी अपने सभी करीब 44 करोड़ ग्राहकों को मैसेज के जरिये भी दी है।

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नए 2 से 5 लाख वाले स्लैब का मतलब का है कि यदि SBI का कोई खाताधारक IMPS के जरिये 2 से 5 लाख तक का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करता है तो उसे 20 रुपये प्लस जीएसटी चुकानी होगी। गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने अक्टूबर 2021 में आईएमपीएस के जरिए ट्रांजेक्शन की सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था।वही 1 जनवरी से ATM से कैश निकालना (Cash ATM Transaction) महंगा हो गया है, 1 जनवरी 2022 से यह चार्ज 21 रुपये प्रति वित्तीय ट्रांजेक्शन तय किया गया है।

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आपको बतात हैं कि आईएमपीएस (IMPS) का पूरा नाम इमीडियेट मोबाइल पेमेंट सर्विस है। यह ऑनलाइन पैसे भेजने का एक माध्यम है। इसके जरिए किसी भी खाता धारक को कहीं भी कभी भी पैसे भेज सकते हैं। इसमें ग्राहक को रियल टाइम में इंटर बैंक फंड ट्रांसफर की 24 X 7 परमिशन मिलती है, जिसमें रविवार और छुट्टियां शामिल हैं। इसमें इंटरनेट बैंकिंग के अलावा मोबाइल बैंकिंग ऐप्स, बैंक ब्रांच, ATM, SMS और IVRS के जरिए फंड ट्रांसफर होता है। हालांकि RBI ने डेली ट्रांजैक्शन की जो सीमा बढ़ाई है वह SMS और IVRS पर लागू नहीं होती। SMS और IVRS के जरिए सिर्फ 5000 रुपए का ही ट्रांसफर होता है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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