नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा पारित किए गए कृषि कानूनों (Agricultural laws) के बारे में बहस चल रही है वहीं पंजाब (Punjab) की राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है । विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन एक राय से पंजाब की विधानसभा (Punjab Assembly) ने केंद्र सरकार के कृषि कानून और प्रस्तावित बिजली विधेयकों (Agricultural legislation and proposed electricity bills) को खारिज कर देश (india) में पहला ऐसा राज्य होने का दर्जा हासिल किया है ।
इतना ही नहीं , पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) ने किसानों (Farmers) को उनके हितो के लिए पंजाब विधानसभा द्वारा पारित किये गये विधेयको के बारे में बताया और कहा कि इनमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने की गारंटी है ।यदि किसी ने भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर धान या गेहूं (Paddy-Wheat)की खरीद या बिक्री की तो उसे 3 साल की सजा या जुर्माना हो सकता है ।
पंजाब विधानसभा द्वारा पारित किए गए विधेयकों के समर्थन में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने भी अपनी मंजूरी दी है लेकिन BJP सदस्य गैरहाजिर रहे। इसके साथ-साथ पंजाब में किसानों को ढाई एकड़ तक की भूमि की कुर्की से भी छूट रहेगी जो एक बड़ा फायदा होगा ।
अमरिंदर सिंह ने साफ तौर पर कहा कि यदि सरकार गिरती है तो गिर जाए लेकिन किसानों के हित में वे समझौता नहीं करेंगे और वे इस्तीफा भी दे सकते हैं। हालांकि संवैधानिक रूप से केंद्र के कानून में राज्य परिवर्तन कर सकता है लेकिन इसमें राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता है और यह कैसे होगा, यह देखने वाली बात होगी।
पंजाब की देखा देखी अब छत्तीसगढ़ और राजस्थान (Chhattisgarh and Rajasthan) में भी विशेष सत्र बुलाए जाने की कवायद शुरू कर दी है। वे भी पंजाब की राह पर चलने की बात कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में पंजाब सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयकों को कानूनी रूप में कैसे परिवर्तित किया जा सकेगा।