लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी ,DA वृद्धि के बाद अब ग्रेच्युटी की लिमिट बढ़ी, अब मिलेगा इतना लाभ, आदेश जारी

इस फैसले के बाद  कर्मचारियों, शिक्षकों व स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को अब ग्रेच्युटी (उपदान) राशि के रूप में अधिकतम 25 लाख रुपये का भुगतान होगा। इसका लाभ लगभग 16 लाख कर्मचारी को मिलेगा।

Pooja Khodani
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UP Employees News : उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों और शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महंगाई भत्ता 50 फीसदी पहुंचने पर अब ग्रेच्युटी राशि में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। वित्त विभाग के विशेष सचिव नील रतन कुमार ने इसका शासनादेश जारी कर दिया है।बता दे कि मार्च में राज्य सरकार ने डीए में 4 फीसदी की वृद्धि की थी, जिसके बाद डीए 46% से बढ़कर 50% हो गया है।इसके बाद अब ग्रेच्युटी बढ़ाई गई है।

महंगाई भत्ता बढ़ने पर ग्रेच्युटी में भी इजाफा

आदेश के तहत,  महंगाई भत्ते की दर बढ़कर 50 प्रतिशत होने पर राज्य की योगी सरकार ने कर्मचारियों की ग्रेच्युटी राशि की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।इस फैसले के बाद  कर्मचारियों, शिक्षकों व स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को अब ग्रेच्युटी (उपदान) राशि के रूप में अधिकतम 25 लाख रुपये का भुगतान होगा। इसका लाभ लगभग 16 लाख कर्मचारी को मिलेगा। पहले सेवानिवृत्त होने पर ग्रेच्युटी के रूप में अधिकतम धनराशि जो 20 लाख रुपये प्रदान किए जाने की व्यवस्था थी, उसे बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है।

जानिए क्या होता है ग्रेच्युटी

ग्रेच्युटी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रिटायरमेंट पर दिया जाने वाला एक लाभ है। किसी भी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है।पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट, 1972 के तहत जिस भी कंपनी में 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं उसे अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना होता है।आमतौर पर यह पैसा तब मिलता है जब वो कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या फिर वह रिटायर होता है। कंपनी में कार्य करते समय अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो ग्रेच्युटी की रकम नॉमिनी को मिलती है। यहां 5 साल का नियम लागू नहीं होता है।

लाखों कर्मचारियों के लिए खुशखबरी ,DA वृद्धि के बाद अब ग्रेच्युटी की लिमिट बढ़ी, अब मिलेगा इतना लाभ, आदेश जारी

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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