कर्मचारियों को मिला बड़ा तोहफा, मानदेय में वृद्धि, खाते में आएगी 9000 तक की राशि

Pooja Khodani
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लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मंगलवार को कई बड़े फैसले लिए गए।इसमें बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात अंशकालिक अनुदेशकों और रसोइयों का मानदेय बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संविदा के आधार पर नियुक्त अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि एवं मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के अन्तर्गत कार्यरत रसोइयों के मानदेय में वृद्धि के साथ उनको ड्रेस दिए जाने का निर्णय लिया है।

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इस फैसले के तहत बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत लगभग 27,555 अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय को 7 हजार रुपये से बढ़ाकर 9 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है।इसके अलावा बेसिक स्कूलों में मिड डे मील योजना के तहत भोजन बनाने वाले 3,77,520 रसोईयों का मानदेय 1500 रुपये से बढ़ाकर 2000 हजार रुपये करने का भी प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में पारित किया गया है। साथ ही सभी महिला रसोइयों को साल में एक बार साड़ी और पुरुष रसोइयों के लिए पैंट-शर्ट की व्यवस्था के लिए 500-500 रुपये की धनराशि देने का फैसला भी लिया गया है।

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मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में संविदा के आधार पर नियुक्त अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि एवं मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के अन्तर्गत कार्यरत रसोइयों के मानदेय में वृद्धि के साथ उनको ड्रेस दिए जाने का निर्णय लिया है।मंत्रिपरिषद ने इस संबंध में अनुदेशकों के मानदेय में ₹02 हजार की प्रतिमाह वृद्धि करते हुए इसे ₹09 हजार प्रतिमाह, रसोइयों के मानदेय में ₹500 की वृद्धि करते हुए इसे ₹02 हजार प्रतिमाह एवं रसोइयों को वर्ष में 02 ड्रेस साड़ी/पैंट शर्ट (एक बार) के लिए ₹500 उनके खाते में दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति
प्रदान कर दी है।

 

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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