Employees-Teachers Retirement Age : कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु वृद्धि पर बड़ी अपडेट सामने आई है। दरअसल गैर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज प्रबंधन के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने की मांग शुरू हो गई है। इसके लिए एक तरफ जहां संयुक्त कार्रवाई समिति का गठन किया गया है। वहीं दूसरी तरफ प्रस्ताव के बाद सहायता प्राप्त कॉलेज के शिक्षकों प्रबंधन युद्ध के रास्ते पर पहुंच गए हैं।
सेवानिवृत्ति आयु को 58 वर्ष किया गया प्रस्तावित
मामले में पंजाब और चंडीगढ़ कालेज शिक्षक संघ के प्रमुख प्रोफेसर विनय सोफट का कहना है कि विद्यालय कैलेंडर अनुदान सहायता योजना के अनुसार हम जिस कार्य अवधि में कार्य कर रहे हैं। इसके लिए हमारा सेवा शर्त 1978 में अस्तित्व में आया है। वहीं सेवा शर्त के जरिए यूजीसी द्वारा सेवानिवृत्ति आयु को 65 वर्ष करने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन देश भर में एकमात्र पंजाब, ऐसा राज्य है। जहां इससे विपरीत दिशा में कार्य किया जा रहा है। वही शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु को 58 वर्ष प्रस्तावित किया गया जबकि इसे बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाना चाहिए।
उच्च शिक्षा विभाग को भेजा जायेगा पत्र
वही फेडरेशन का कहना है कि शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु और उनके वेतनमान के बारे में सरकार को विचार किया जाना चाहिए वरना जल्द ही उच्च शिक्षा विभाग को एक पत्र भेजे जाने के साथ ही धरना प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही शिक्षक कर्मचारियों द्वारा कोर्ट जाने की भी तैयारी की गई है।
शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु घटाकर की जाएगी छटनी !
साथ ही शिक्षकों का कहना है कि सरकार सरकारी कॉलेज के शिक्षकों से कर रही है जो कि बिल्कुल अनुचित है। सरकारी कॉलेज के शिक्षकों को पेंशन योग्य नौकरी उपलब्ध कराई जाती है लेकिन हमारी नौकरी पेंशन योग्य नहीं है। ऐसे में पुराने शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु घटाकर उनकी छटनी नहीं की जा सकती है। उनकी जगह पर नए शिक्षकों की भर्ती करना बिल्कुल अनुचित होगा। वह सरकार के इस नीति के विरुद्ध अब शिक्षक कोर्ट पहुंचेंगे।
बता दें कि पंजाब और चंडीगढ़ में कुल 142 एडेड कॉलेज हैं। इन सभी कॉलेजों के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष की जा रही है जबकि फेडरेशन की मांग की कि इसे 65 वर्ष किया जाए। सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज के प्रबंध महासंघ द्वारा इस मुद्दे पर बैठक की गई थी।
बड़े आंदोलन की तैयारी
इसके लिए सेवानिवृत्ति आयु और वेतन अनुदान के बारे में स्पष्टीकरण मांगने के लिए उच्च शिक्षा सचिव को फेडरेशन द्वारा पत्र भेजा जाएगा। वहीं यदि सरकार द्वारा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की मांग पूरी नहीं की जाती है जो शिक्षक एक बड़ा आंदोलन करेंगे। जिसमें हड़ताल और उच्च शिक्षण संस्थानों को बंद करने जैसे कार्यशैली शामिल हो सकती है।