Jabalpur News : पश्चिम मध्य रेलवे मंडल के कार्मिक विभाग के अधिकारी विनोद कोरी की जमानत सेशन कोर्ट ने नामंजूर कर दी है। विनोद कोरी पर उनकी सहकर्मी महिला ने आरोप लगाया था कि उक्त अधिकारी ने उनके साथ दुष्कर्म किया और बाद में ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। मामले की रिपोर्ट बरेला थाने में की गई थी जिस पर बरेला पुलिस ने कार्यवाही करते हुए विनोद कोरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
क्या है पूरा मामला
आठवीं सत्र न्यायाधीश निशा विश्वकर्मा की अदालत में विनोद कोरी की तरफ से जमानत याचिका प्रस्तुत की गई थी। जिस पर आपत्ति करते हुए पीड़ित महिला की ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने अदालत को बताया कि आरोपी एक सीनियर रेलवे अधिकारी है और पीड़ित महिला को उसी की अनुशंसा पर रेलवे में क्लर्क के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गयी थी।
अगर उन्हें जमानत का लाभ दिया जाता है, तो उसके द्वारा पीड़िता के ऊपर दबाव बनाया जा सकता है। अधिवक्ता निखिल भट्ट ने कोर्ट के समक्ष यह दलील भी पेश की कि चूंकि आरोपी एक अधिकारी है। अतः वह अपने प्रभाव का उपयोग कर कर सबूतों में भी फेरबदल और इन्वेस्टीगेशन को प्रभावित कर सकता है। दलीलों से सहमत होने हुए माननीय न्यायालय ने विनोद कोरी की जमानत नामंजूर कर दी है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट