Old Pension scheme : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। उन्हें पुरानी पेंशन योजना के लिए इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला आया है। जिसके बाद कर्मचारियों को फरवरी 2024 तक पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लाखों जवानों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सकता था। इसके लिए 11 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया था। जिसमें सीआरपीएफ कर्मचारियों और जवानों को पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए गए थे। केंद्र सरकार द्वारा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर स्थगन आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना, और बेला त्रिवेदी की पीठ द्वारा स्टे आर्डर दिया गया था।
फरवरी 2024 में अगली सुनवाई
लंबी चली सुनवाई के बाद जस्टिस संजीव खन्ना और बेला त्रिवेदी की बेंच ने नोटिस जारी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी है। केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार शर्मा सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। वही जस्टिस बेंच का कहना है कि इस निर्णय के क्रियान्वयन पर उस सीमा तक रोक रहेगी, जिसमें यह निर्देश दिया गया है कि पुरानी पेंशन योजना अर्धसैनिक बलों पर भी लागू होगी। ऐसे में अब फरवरी 2024 में इसकी अगली सुनवाई तय की गई है।
याचिकाकर्ताओं का तर्क
इस मामले में याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि उन्हें अक्टूबर 2004 से 2005 तक असिस्टेंट कमांडर के पद पर नियुक्ति का ऑफर दिया गया था। सरकार द्वारा 2003 में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था।जनवरी 2004 में नई अंशदाई पेंशन योजना लागू की गई थी। हालांकि योजना सशस्त्र बलों पर लागू नहीं थी क्योंकि सेनाओं में पहले से मौजूद पुरानी पेंशन योजना को बरकरार रखा गया था। मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि जो लोग सरकार के प्रशासनिक देरी के कारण एनपीएस लागू होने के बाद नियुक्त हुए उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलना चाहिए क्योंकि नौकरी के लिए उनका सिलेक्शन पहले किया गया था। हालांकि नियुक्ति उन्हें बाद में दी गई थी।
दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला
बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। अपने फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केंद्रीय अर्धसैनिक बल भारतीय संघ के सशस्त्र बल हैं। ऐसे में अदालत ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में एनपीएस को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही थी। इतना ही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि चाहे कोई आज भर्ती हुआ, पहले कभी भर्ती, आने वाले समय में भर्ती होगा। सभी जवान और अधिकारी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में आएंगे। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 11 जनवरी को फैसला सुनाया गया था। वही 8 सप्ताह के भीतर पुरानी पेंशन योजना लागू करने के निर्देश दिए थे। अदालत द्वारा दी गई अवधि समाप्त हो चुकी थी। केंद्र सरकार ने अदालत से 12 सप्ताह का समय मांगा गया था। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी, जिसमें कहा गया कि इस मुद्दे पर सोच विचार करने के लिए समय मांगा था।
बन सकता है चुनावी मुद्दा
बता दें कि केंद्र सरकार के मामले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को सशस्त्र बल मानने को तैयार नहीं है। पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा भी इसी चक्कर में फंसा हुआ है। केंद्र सरकार की नौकरी में 2004 में भर्ती हुए सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे से बाहर कर दिया गया था जबकि CAPF को भी सिविल कर्मचारियों के साथ पुरानी पेंशन से बाहर कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि देश में सेना नेवी और वायु सेना ही सशस्त्र बल है जबकि पुरानी पेंशन योजना की मांग को देखते हुए माना जा रहा है कि 2024 में होने वाले चुनाव के लिए capf कर्मचारी संघ इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है।