कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि पर अपडेट, 58 से बढ़ाकर 65 करने की मांग, हाईकोर्ट का नोटिस जारी, जानें कब मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
Published on -
Employees

Employees, Employees Retirement Age : देश के कर्मचारियों द्वारा सेवानिवृत्ति आयु में वृद्धि की मांग की जा रही है। लगातार कर्मचारी सेवानिवृत्ति आय में वृद्धि की मांग देख रहे शिक्षकों प्रोफेसरों के लिए कई राज्य सरकार द्वारा रिटायरमेंट आयु में वृद्धि की गई है। इसी बीच कर्मचारियों और शिक्षकों द्वारा सेवानिवृत्ति आयु को 58 से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने की मांग की जा रही है। इस पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण द्वारा आदेश जारी किया गया था।

13 जुलाई तक जवाब देने के निर्देश

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा कैट के आदेश को चुनौती देने वाली चंडीगढ़ प्रशासन की याचिका पर नोटिस जारी किया गया है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने शहर के कॉलेज में कॉलेज संकाय की रिटायरमेंट आयु 58 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी कर 13 जुलाई तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

नोटिस जारी 

चंडीगढ़ यूटी ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि 1994 के पंजाब सिविल सेवा नियम को यूपी द्वारा अपनाया गया था। ऐसे में प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष निर्धारित की गई है। इसे नहीं बढ़ाया जा सकता है जबकि प्रोफेसर के सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने के मामले में कैट द्वारा चंडीगढ़ यूटी को आदेश दिया गया है। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने कैट में आवेदन करने वाले शिक्षकों से 13 जुलाई तक जवाब मांगा है। साथ ही यह भी सवाल किया गया कि आखिर ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक क्यों ना लगाई जाए।

चंडीगढ़ यूटी के अंतर्गत आने वाले कॉलेज के प्रोफेसर की मांग है कि उनकी भी सेवानिवृत्ति आयु को सरकारी कॉलेज के प्रोफेसर व शिक्षकों की तरह बढ़ाकर 65 वर्ष किया जाना चाहिए। वर्तमान में प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष है। वही यूपी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि विवाद चंडीगढ़ के सरकारी कॉलेज के प्रोफेसरों शिक्षकों द्वारा दावा की गई आयु बढ़ाने के संबंध में है। CAT द्वारा इसके लिए मार्च में शिक्षकों के हक में फैसला सुनाया गया था।

UT प्रशासन की दलील 

वही यूटी प्रशासन ने तर्क दिया है कि उसने 1994 में पंजाब सिविल सेवा नियम को अपनाया है, जो सेवानिवृत्ति आयु की 58 वर्ष निर्धारित करता है। ऐसे में नियम में किसी भी संशोधन के अभाव में रिटायरमेंट की आयु में संशोधन नहीं किया जा सकता है। दलील देते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि एआईसीटीई और यूजीसी के नियम भी रिटायरमेंट की अलग-अलग आयु का प्रावधान करते हैं। वास्तव में यह नियम चंडीगढ़ पर लागू नहीं होती। स्वयं सेवा से संबंधित कानून को लागू करने के उद्देश्य से एक राज्य है।

यूटी ने स्पष्ट किया है कि नियम केवल तभी लागू होते हैं जब उसे यूटी प्रशासन द्वारा विशेष रूप से अपनाया जाता है। साथ ही यह तर्क भी दिया गया है कि 65 वर्ष की रिटायरमेंट आयु पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय करने के केंद्रीय वित्त पोषित संस्थानों से संबंधित है और चंडीगढ़ के सरकारी कॉलेज इसके दायरे में नहीं आते हैं।

हाई कोर्ट द्वारा शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया और उन्हें 13 जुलाई तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। कैट के आदेश के बाद 13 जुलाई तक शिक्षकों के आदेश के बाद हाई कोर्ट में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु पर बड़े फैसले की उम्मीद जताई जा रही।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News