अधिकारियों कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, सभी विभागों को जारी हुए ये निर्देश, करना होगा पालन, वरना होगी कार्रवाई!

इसमें 2007 से बहाल पांच दिवसीय कार्य सप्ताह प्रणाली का हवाला देकर कहा गया है कि पूर्व से यह व्यवस्था बनाई गई है कि कर्मचारी समय पर कार्यालय आएंगे और आधार से लिंक बायोमेट्रिक पर उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

Pooja Khodani
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Bihar Officer Employees : बिहार के सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने बायोमेट्रिक हाजिरी में लापरवाही, देर से ऑफिस पहुंचने और जल्दी जाने वाले सरकारी कर्मचारियों को लेकर सख्त निर्देश जारी किये हैं मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस कार्य संस्कृति को गैर जिम्मेदार रवैये मानते हुए ऐसे कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए है।

इसके तहत देरी से ऑफिस आने वाले कर्मचारियों को पहले हिदायत दी जाएगी, फिर उनकी छुट्टी काटी जाएगी और फिर भी वे नहीं सुधरे तो उनके वेतन में कटौती की जाएगी।मुख्य सचिव ने सभी विभागों के विभाध्यक्षों के साथ ही पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भेजा है। इसमें 2007 से बहाल पांच दिवसीय कार्य सप्ताह प्रणाली का हवाला देकर कहा गया है कि पूर्व से यह व्यवस्था बनाई गई है कि कर्मचारी समय पर कार्यालय आएंगे और आधार से लिंक बायोमेट्रिक पर उपस्थिति दर्ज कराएंगे।

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आदेश का पालन ना होने पर करें कड़ी कार्रवाई

  • मुख्य सचिव ने निर्देश दिए है कि कर्मचारियों के लिए कार्यालय के लिए निर्धारित समय पर आने और आधार लिंक बायोमेट्रिक पर उपस्थिति की व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित किया जाए।कर्मचारी देरी से आते हैं उन्हें हिदायत दी जाए यदि इसके बाद भी सुधार नहीं होता है तो उसके अवकाश से कटौती की जाए।
  • यदि किसी कर्मचारी का अवकाश शेष नहीं बचा हैं तो उसकी उक्त दिन की राशि की कटौती वेतन से की जाए। हालांकि विशेष परिस्थिति में आवश्यक छूट विभागाध्यक्ष दे सकते हैं।
  • जो कर्मचारी पदस्थापना की प्रतीक्षा में हैं या किसी कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई चल रही है तो पूर्व में किए गए प्रविधान के तहत उपस्थिति पंजी में उनकी उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था की जाए।

साल 2022 में भी राज्य सरकार ने उठाया था ये कदम

बता दे कि यह पहला मौका नहीं है जब बिहार सरकार ने लेट लतीफ दफ्तर पहुंचने वाले कर्मचारियों पर सख्ती की है। इससे पहले 2022 में सरकारी कार्यालयों में लेट लतीफी से आने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई शुरू की गई थी। इसके तहत एक घंटा देर से कार्यालय पहुंचने वाले कर्मियों के आकस्मिक अवकाश (सीएल) के खाते में आधे दिन की छुट्टी काटने का फैसला लिया गया था।

वही कहा गया था कि सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बाद भी किसी अधिकारी-कर्मचारी को महीने में सिर्फ दो दिन देर से कार्यालय आने की छूट दी जाएगी। सरकार या सक्षम प्राधिकार के निदेश पर अगर कोई सेवक उच्च न्यायालय, किसी अन्य न्यायालय, लोकायुक्त का कार्यालय, प्रशिक्षण संस्थान, राज्य सूचना कार्यालय आदि संस्थानों में जाते हैं तो उन्हें देर से आने पर भी दंडित नहीं किया जाएगा।इसको लेकर बकायदा सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा था।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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