UP Outsourcing Employees/Teachers 2024: उत्तर प्रदेश के संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। कर्मचारियों के नियमितिकरण पर बड़ा अपडेट आया है। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि फिलहाल सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग पर तैनात कार्मिकों को नियमित करने की कोई योजना नहीं है। हालांकि शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने की तैयारी है, इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार निर्णय लेगी।
विधायक का सवाल- कब होंगे नियमित, मंत्री का जवाब-फिलहाल कोई विचार नहीं
- दरअसल, मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी विधायक संग्राम सिंह यादव और विधायक हृदय नरायण सिंह ने प्रदेश में संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की समस्या और उन्हें स्थाई नियुक्ति देने या वेतन बढ़ाने का मुद्दा उठाया था और पूछा था कि वह उनकी नियुक्ति संविदा पर क्यों नहीं कर देती? क्या सरकार आउटसोर्सिंग पर तैनात कार्मिकों का वेतन बढ़ाएगी और उन्हें नियमित करने पर विचार करेगी।
- इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को फिलहाल नियमित करने का विचार नहीं है। जिस विभाग में नियमित पद हैं, वहां संविदा कर्मचारियों को नहीं रखा गया है। जहां नियमित पद नहीं हैं, वहां आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को रखने की व्यवस्था है।कर्मचारियों को निकाला नहीं जा सकेगा। कोई गड़बड़ी होने पर सेवा प्रदाता के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान रखा है। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को अच्छा वेतन आदि दिया जा रहा है।
शिक्षा मित्रों का बढ़ेगा मानदेय, कमेटी की रिपोर्ट के बाद होगा फैसला
सपा विधायक स्वामी ओमवेश ने जब शिक्षामित्रों के मानदेय और अन्य सुविधाओं को लेकर प्रश्न किया तो यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा राज्य सरकार शिक्षामित्रों के लिए और सुविधाएं बढ़ाने पर विचार कर रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर बेसिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, उसकी रिपोर्ट आने पर विचार किया जाएगा। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात पूरा है , अभी शिक्षक भर्ती का कोई प्रस्ताव या प्रक्रिया विचाराधीन नहीं है।हालांकि पहले हमने उनका मानदेय बढ़ाकर तीन गुना कर दिया है। अर्हता पूरी करने वाले 15 हजार से अधिक अध्यापक बन गए है।