Central Employees News : सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। केन्द्र की मोदी सरकार ने सभी मंत्रालयों को कर्मचारियों के कामकाज की समय पर समीक्षा करने के आदेश दिए है, ताकि खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त किया जा सके।सभी मंत्रालयों और विभागों को जुलाई से हर महीने की 15 तारीख तक रिपोर्ट देने को भी कहा गया है। इधर, सरकार के इस आदेश ने कर्मचारियों की टेंशन बढ़ा दी है।
डीओपीटी ने सभी मंत्रालय को दिए ये आदेश
- 27 जून को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने एक आदेश में संबंधित मंत्रालयों से कहा कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU), बैंकों, स्वायत्त संस्थानों और सांविधिक निकायों को कर्मचारियों की आवधिक समीक्षा करने का निर्देश दें।
- सरकारी कर्मचारियों के प्रदर्शन की आवधिक समीक्षा करने के निर्देश कई बार जारी किए गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उन्हें सार्वजनिक हित में सेवा में बनाए रखा जाना चाहिए या समय से पहले सेवानिवृत्त कर दिया जाना चाहिए।
- सभी केंद्रीय सरकारी विभागों के सचिवों को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक मंत्रालयों और विभागों से बार-बार अनुरोध किया गया है कि वे इस संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और इस संबंध में एक रिपोर्ट Dopt को पेश करें। संज्ञान में आया है विभिन्न मंत्रालय और विभाग उक्त दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं, इसके परिणामस्वरूप मूल नियमों के प्रावधानों के तहत समीक्षा के लिए सरकारी कर्मचारियों की पहचान करने में देरी हो रही है।
जुलाई से हर महीने की 15 तारीख को रिपोर्ट पेश करें
डीओपीटी ने अपने आदेश में कहा है कि मंत्रालयों से अनुरोध है कि वे मूल या पेंशन नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत समीक्षा के लिए कर्मचारियों की पहचान करने के संबंध में तत्काल कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि उनके (कर्मचारियों) मामले समीक्षा समिति के समक्ष विचार के लिए शीघ्रता से प्रस्तुत किए जाएं। सभी मंत्रालयों और विभागों को इस संबंध में जुलाई, 2024 से प्रत्येक माह की 15 तारीख तक एक विशेष प्रारूप में डीओपीटी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।