कर्मचारियों की बड़ी खबर, मिलेगा तबादले का लाभ, नियम में संशोधन, आदेश जारी, यह होंगे लाभान्वित

Kashish Trivedi
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Employees  Transfer : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश में तबादले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि निर्धारित कर दी गई है। वही राज्य शासन द्वारा एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। जिसके तहत कर्मचारियों को तबादले का लाभ दिया जाएगा।

इन शिक्षकों को भी अंतर्जनपदीय तबादले का लाभ

उत्तर प्रदेश में निलंबित परिषदीय शिक्षकों को भी अंतर्जनपदीय तबादले का लाभ मिलेगा। इसके लिए 16 जून को बीएसए को आदेश दिया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल द्वारा 16 जून को आदेश दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि वर्तमान में निलंबित शिक्षकों को भी तबादले का लाभ मिलेगा। निलंबित शिक्षकों अंतर्जनपदीय स्थानांतरण प्रक्रिया में आवेदन करने से वंचित नहीं किया जा सकता है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उन्हें यह भी तबादले का लाभ मिलता है तो उनके विरुद्ध प्रचलित अनुशासनात्मक कार्रवाई समाप्त होने के बाद उन्हें कार्यमुक्त किया जाएगा।

कुछ कर्मचारियों को बड़ा झटका

हालांकि कुछ कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल ऐसे शिक्षक, जिनकी सेवाएं समाप्त की गई है लेकिन कोर्ट के आदेश पर कार्यभार ग्रहण कराया गया है और प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है। उनकी सेवाएं कोर्ट के अंतिम निर्णय के पूर्व नियमित नहीं मानी जाएगी। ऐसे में उन्हें ऑनलाइन आवेदन की पात्रता नहीं दी गई है।

इधर सचिव ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि पति-पत्नी के 1 जिले में सरकारी सेवक होने पर अंतर्जनपदीय तबादले के लिए 10 अंक का भार अंक उन्हें नहीं मिलेगा। इस लाभ से वंचित रहेंगे। बता दें कि पिछले बार तबादले में पति पति के एक जिले में सरकारी सेवक होने पर उन्हें लाभ मिला था लेकिन इस बार शर्तों में बदलाव किया गया है। नए नियम के तहत शिक्षकों के 9 प्रकार के असाध्य और गंभीर रोग पर उन्हें 20 अंक का भार अंक दिया गया है। वहीं अनुशासनात्मक कार्रवाई समाप्त होने के बाद ही शिक्षक कार्यमुक्त किए जाएंगे।

तबादला नीति को तत्काल निरस्त करने की मांग

इधर उत्तर प्रदेश में जवाबी की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने कर्मचारियों के लिए जारी तबादला नीति को तत्काल निरस्त करने की मांग कर रही है। परिषद ने पिछले साल की नीति के अनुसार की प्रक्रिया बनाने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर प्रदेश भर में आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है।

इसके लिए इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विपिन मिश्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और कार्मिक से लोग भवन मुलाकात भी की है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में आंदोलनरत कर्मचारियों का समर्थन किया है। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी का तबादला कर संगठन को कमजोर करने की नीति को बदला जाना चाहिए या तो इसमें संशोधन होना चाहिए।


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