Old Pension Scheme 2024 : पंजाब के सरकारी कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के लिए में पुरानी पेंशन योजना के मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, इसके तहत अब एक 2004 से पहले नियुक्त हुए और बाद में नियमित हुए सभी कर्मचारी पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा।हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए है कि 4 महीने के अंदर कर्मचारियों को ओपीएस का लाभ दिया जाए।
ये है पूरा मामला
दरअसल, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पंजाब के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ओर से ओपीएस को लेकर कई याचिकाए दाखिल की गई थी। पंजाब सरकार को इन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ 4 माह में जारी करने का आदेश दिया है।इसमें सुरजीत सिंह व अन्य ने एडवोकेट रंजीवन सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट बताया था कि राज्य सरकार द्वारा पंजाब के विभिन्न विभागों, बोर्ड, कॉर्पोरेशन आदि में कच्चे कर्मचारी के तौर पर नियुक्त किया गया था, उनकी नियुक्ति 2004 से पहले हुई थी, लेकिन उन्हें नियमित 2004 के बाद किया गया था लेकिन ओपीएस का लाभ नहीं दिया गया।
सरकार ने दिया था ये जवाब
याचिकाकर्ताओं द्वारा नियमित होने के बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने की अपील की थी, जिस पर जनवरी में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार को जल्द इस संबंध में फैसला लेने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार ने पंजाब सरकार की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ताओं को नियमित करते हुए नियम व शर्तें रखी गई थीं, ऐसे में वे इससे इन्कार नहीं कर सकते।
HC ने सरकार को दिया 4 महीने में कर्मियों को OPS लाभ देने का आदेश
इसके बाद फिर हाईकोर्ट ने पंजाब के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं को स्वीकार किया और कहा कि हरबंस लाल व अन्य के मामले में हाईकोर्ट पेंशन को लेकर स्थिति स्पष्ट कर चुका है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की अपील खारिज हो चुकी है, ऐसे में जब एक निर्णय पंजाब सरकार स्वीकार कर चुकी है तो वह सभी मामलों में किया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को 4 माह में सभी याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन योजना का लाभ जारी करने का आदेश दिया है। यदि कोई कर्मचारी 2004 से पहले नियुक्त हुआ है तो भले ही वह इस तिथि के बाद नियमित हुआ हो वह पुरानी पेंशन योजना का हकदार है।
जानिए क्या अंतर है OPS और NPS में
- OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है।
- NPS एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा देना होता है। सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14% भाग डालती है।
- OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
- OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है। ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।
- NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।
- नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।
- NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
- OPS के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।