राज्य सरकार का बड़ा कदम, दो दिन के लिए बंद किए स्कूल, यह है वजह, पढ़ें खबर

Shashank Baranwal
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Delhi Pollution

Delhi Pollution: दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सारे सरकारी प्राथमिक स्कूल को दो दिन के लिए बंद करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म X (पूर्व ट्विटर) के माध्यम से दी। बता दें 2 नवंबर बृहस्पतिवार को पराली जलने की घटनाओं के कारण दिल्ली में दिनभर धुंध बनी रही। इसलिए सरकार ने पांच तक के सरकारी स्कूलों को बंद करने का ऐलान किया है।

वैज्ञानिकों ने दी प्रदूषण बढ़ने की चेतावनी

दिल्ली में प्रदूषण को देखते हुए वैज्ञानिकों ने अगले दो हफ्तों में पूरे दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने की चेतावनी दी है। वहीं डॉक्टरों के भी द्वारा सांस से संबंधित परेशानी को लेकर चेतावनी दी है। इस प्रदूषण से बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा और फेफड़ों जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ने की आशंका रहती है। बता दें एनसीआर के कई क्षेत्रों में 400 से ज्यादा एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज की गई है। जो कि चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है।

AQI 50 के बीच माना जाता है अच्छा

आपको बता दें AQI 50 के बीच रहता है तो अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच होता है तो संतोषजनक स्थिति होती है। वहीं AQI 101 से 200 के बीच होता है तो स्थिति मध्यम मानी जाती है और AQI 201 से 300 के बीच होती है तो स्थिति खराब होती है। वहीं AQI 301 से 400 के बीच होने पर स्थिति चिंताजनक यानी बहुत खराब मानी जाती है। AQI 401 से 450 के बीच की स्थिति गंभी स्थिति होती है। जबकि AQI 450 से ज्यादा होने पर स्थिति अति गंभीर हो जाती है। AQI 401 से 450 के बीच होने पर सरकार द्वारा गैर जरूरी निर्मीण कार्य और कम जरूरी खनन को बंद करवा दिया जाता है।

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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