OPS Update : पुरानी पेंशन योजना पर आई बड़ी अपडेट, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, जानें कैसे मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देशभर में पुरानी पेंशन योजना (Old pension scheme) की मांग जोर पकड़ रही है। लगातार राज्य के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) की मांग कर रहे हैं। वहीं कई राज्य में राज्य सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लागू भी कर दिया गया है जबकि हिमाचल प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को देखकर कर्मचारियों ने एक बार फिर से अपनी मांग तीव्र की है। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि पुरानी पेंशन योजना पर सरकार कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (nirmala sitharaman) का बड़ा बयान सामने आया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ की एनपीएस की राशि के भुगतान की मांग को ठुकरा दिया है। मीडिया से बात करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को पैसा लौटाने का प्रावधान कानून के तहत नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय पेंशन योजना में जमा पैसा इसके योगदान करने वाले व्यक्तियों के हैं। राज्य सरकार इसे नहीं रह सकती और राज्य सरकार का इस पर कोई अधिकार नहीं है। ऐसे में उन्हें एनपीएस की राशि की मांग नहीं करनी चाहिए।

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राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना को लागू होने के साथ ही दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री द्वारा एनपीएस में जमा कर्मचारियों के पैसे को लौटाने की मांग की गई थी। इस मामले में दोनों राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के जमा पैसे को नहीं रख सकती है। जिस पर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि कानून के प्रावधान के तहत एनपीएस में जमा पैसे राज्य को नहीं दिए जा सकते, यह केवल उन कर्मचारियों के पास जाएंगे।

जो इसमें अपना योगदान दे रहे हैं। अब राज्य सरकार द्वारा अपने राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया है तो क्या हम राज्य सरकार के लिए कानून को बदल दे। यह पैसा केवल लाभार्थी कर्मचारियों को दिया जाएगा। किसी भी राज्य सरकार या प्राधिकरण इकाई के पास इस पैसे को नहीं भेजा जा सकता है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा केंद्र से एनपीएस में जमा राज्य के कर्मचारियों के पैसे की मांग की जा रही थी। हालांकि केंद्र सरकार और पीएफआरडीए ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून के प्रावधान के तहत यह राशि राज्य सरकार को नहीं लौटाई जा सकती। इसके साथ ही पीएफआरडीए ने राज्य सरकार के कर्मचारियों के 17000 करोड रुपए को लौटाने से भी इंकार कर दिया है।

हालांकि इस मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि केजरी लंबे समय से कर्मचारियों का पैसा रोक कर नहीं रख सकता है और इस मामले में राज्य सरकार द्वारा कानूनी राय ली जा रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य सरकार अदालत जा सकती है।

पीएफआरडीए के नियम के तहत एक ग्राहक द्वारा एनपीएस कोष में जमा अपने 20% राशि वापस ली जा सकती है। शेष 80% को वार्षिक योजना में निवेश किया जाता है। सेवानिवृत्ति पर किसी व्यक्ति के कार्य वर्षों के दौरान योगदान हुए संचित राशि का 60% उनके रिटायरमेंट के समय निकालने की अनुमति दी जाती है जबकि 40% मासिक पेंशन उत्पन्न करने के लिए वार्षिकी में निवेश किए जाते हैं।

इससे पहले देश में एक जनवरी 2004 से नई पेंशन योजना की स्कीम को लागू किया गया था। दोनों पेंशन योजना के कुछ महत्वपूर्ण फायदे और नुकसान है। पुरानी स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में उपलब्ध कराई जाती थी।

सरकारी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई दर के आंकड़े के अनुसार उन्हें पेंशन का लाभ दिया जाता था। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारियों के वेतन से पैसे काटने का प्रावधान भी नहीं था। भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से किया जाता था। पुरानी पेंशन योजना में 20 लाख तक की ग्रेच्युटी कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जाती थी।

नई पेंशन स्कीम के तहत सरकार पर कम होता है, पुरानी पेंशन योजना से सरकार के खजाने पर ज्यादा असर पड़ता था। अर्थशास्त्री द्वारा भी चेतावनी दी गई है कि अगर पुरानी पेंशन योजना में वापस लौटा जाता है तो इससे देशभर के राज्यों में वित्तीय संकट उत्पन्न हो सकता है।


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