Budget 2024: वरिष्ठ नागरिक जो रेल से यात्रा करते है को किराए में मिलने वाली छूट को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। दरअसल पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान भी यह मुद्दा प्रमुख रूप से उभरा था। वहीं अब आगामी बजट से पहले, यह मांग फिर से उठी है कि कोरोना काल से बंद इस छूट को दोबारा लागू किया जाए। दरअसल पीटीआई के अनुसार अब उम्मीद की जा रही है कि इस साल के बजट में वरिष्ठ नागरिकों को किराए में मिलने वाली छूट को फिर से बहाल किया जा सकता है।
पहले कितनी मिलती थी छूट?
दरअसल भारतीय रेलवे में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को पहले किराए में छूट दी जाती थी, जो मार्च 2020 से बंद है। इसी तरह, महिलाओं को मिलने वाली छूट भी 2020 से बंद कर दी गई है। जानकारी इससे पहले महिला वरिष्ठ नागरिकों को 50% और पुरुष और ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40% छूट मिलती थी। वहीं रेलवे के नियमों के अनुसार, 60 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुष और ट्रांसजेंडर तथा 58 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाएं वरिष्ठ नागरिक मानी जाती हैं। इन्हें राजधानी, शताब्दी, दूरंतो और जन शताब्दी ट्रेन सहित सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में किराए पर रियायत मिलती थी।
क्या है सरकार का रवैया?
जानकारी के अनुसार कोविड महामारी के समय जब देश भर में लॉकडाउन लगा था, तो कुछ महीनों के लिए ट्रेनों का परिचालन भी बंद हो गया था। उसके बाद, जब ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू हुआ, तब वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को मिलने वाली छूट को बहाल नहीं किया गया। हालांकि अब जब महामारी का दौर खत्म हुए काफी समय हो गया है तो, इस सब्सिडी को पुनः लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। हालांकि, सरकार ने अब तक इस सब्सिडी को फिर से बहाल करने का कोई संकेत नहीं दिया है। दरअसल कई बार ऐसा प्रतीत हुआ है कि सरकार इसे बहाल करने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रही है।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार का कहना है कि पहले से ही यात्री किराए में छूट दी जा रही है, और वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को अतिरिक्त छूट देने से रेलवे पर वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले साल दिसंबर में यह जानकारी दी थी, कि रेलवे ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी, जो कि सभी यात्रियों के लिए औसतन 53% की छूट के इक्वल है।