Cabinet Meeting: मोदी सरकार का किसानों को तोहफा, कैबिनेट में इस प्रस्ताव को मंजूरी

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश के गन्ना किसानों को पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बड़ा तोहफा दिया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) में गन्ने की FRP (Fair & Remunerative Price) पर 5 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दे दी  है। इसके तहत सरकार ने फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) को बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। मोदी सरकार के इस फैसले के साथ 5 करोड़ गन्ना किसानों को फायदा होगा।

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इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देते हुए कहा कि आज कैबिनेट बैठक में गन्ने पर दिए जाने वाले फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस(FRP) को बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला हुआ है, ये 10% रिकवरी पर आधारित होगा। अगर किसी किसान की रिकवरी 9.5% से कम होती है तो उन्हें 275.50 रुपये प्रति क्विंटल मिलेंगे।

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 2020-21 में गन्ना किसानों को 91,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना था जिसमें 86,000 करोड़ का भुगतान हो गया है ।आज के इस फैसले के बाद किसानों को उनके खर्च पर 87% का रिटर्न होगा। FRP के माध्यम से हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे गन्ना किसानों को बाकी सब फसलों से ज़्यादा दाम मिले। खास बात ये है कि बीते दिनों ही खाद्य मंत्रालय ने इसको लेकर कैबिनेट नोट जारी किया था और पिछले सीजन में केंद्र सरकार ने एफआरपी को 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 285 रुपये कर दिया था।

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बता दे कि एफआरपी (FRP) वह न्यूनतम दाम होते है, जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। कमीशन ऑफ एग्रीकल्चरल कॉस्ट एंड प्राइसेज (CACP) हर साल एफआरपी की सिफारिश करता है।सरकार हर साल गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार एफआरपी की घोषणा करती है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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