केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान, देश के करोड़ों किसानों को होगा लाभ

Atul Saxena
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Center of Excellence will open for fruits and vegetables : केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र से जुडी एक बड़ी घोषणा की है जिसका सीधा लाभ देश के करोड़ों किसानों को होगा। कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) की तरफ से कहा गया है कि देश में जल्दी फलों और सब्जियों के लिए तीन उत्कृष्ट केंद्र (Centre of Excellence) जल्दी स्थापित किये जायेंगे।

कृषि मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बेंगलुरु, ओडिशा और गोवा में स्थापित किये जायेंगे,  मंत्रालय ने अब तक 49 CoE को मंजूरी दी है, जिनमें से 3 को मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH) के तहत पिछले दिनों 9 मार्च, 2023 को मंजूरी दी गई।

यहाँ बनेंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस 

जानकारी के मुताबिक कमलम यानि ड्रेगन फ्रूट  (Dragon Fruit) के लिए एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हॉर्टिकल्चर रिसर्च (IIHR) द्वारा कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित हीरेहल्ली परीक्षण केंद्र में स्थापित किया जाएगा वहीं आम (Mango) और सब्जियों (Vegetables) के लिए दूसरा सीओई भारत-इजरायल कार्य योजना के तहत ओडिशा के जाजपुर जिला में स्थापित किया जाएगा । इसके अलावा सब्जियों और फूलों के लिए तीसरा CoE भारत-इजरायल कार्य योजना के तहत दक्षिणी गोवा के पोंडा में एक सरकारी कृषि फार्म में स्थापित किया जाएगा ।

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पिछले दिनों आयोजित  भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) सोसायटी की 94वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इस क्षेत्र को अधिक विकसित किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच नयी तकनीक और अनुसंधान तक सभी किसानों की पहुंच सुनिश्चित करने की जरूरत है ।

नयी तकनीक और शोध किसानों तक पहुंचना जरूरी

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आज हमारे सामने जलवायु परिवर्तन जैसी विभिन्न चुनौतियां हैं,  प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की खड़ी फसल को होने वाले नुकसान की चुनौती का भी हम सामना कर रहे हैं। इसलिए नये भारत में हमें नयी तकनीक और शोध को सभी किसानों तक पहुंचाना है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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