नई दिल्ली।
पांच राज्यों के चुनावी नतीजे से पहले केन्द्र की मोदी सरकार ने देश के करोड़ों कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने नेशनल पेंशन स्किम (NPS) में में कई बदलाव करने का फैसला लिया है। एनपीएस में सरकार ने अपना योगदान देते हुए 10 फीसद से बढ़ाकर 14 फीसद करने का फैसला किया है। इसके साथ ही यह तय किया गया है कि एनपीएस का पूरा 60 फीसदी भाग निकालने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को स्कीम में बदलावों की घोषणा की। बताते चले कि मंगलवार को पांच राज्यों के नतीजे आने है,ऐसे में यह फैसला देश के 18 लाख कर्मचारियों को बड़ा राहत देने वाला है।
जेटली ने कर्मचारियों के 10 फीसदी तक योगदान के लिए आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर प्रोत्साहन की भी घोषणा की। फिलहाल सरकार तथा कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 फीसदी है ।कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत पर बना रहेगा, जबकि सरकार का योगदान 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी किया गया है।वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को कुल कोष में से 60 फीसदी ट्रांसफर करने को मंजूरी दी गई, जो फिलहाल 40 फीसदी है। कर्मचारियों के पास निश्चित आय उत्पादों या शेयर इक्विटी में निवेश का विकल्प होगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार यदि कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस में जमा धन का कोई भी हिस्सा निकालने का निर्णय नहीं करता है और 100 फीसदी पेंशन योजना में हस्तांतरित करता है, तो उसका पेंशन अंतिम बार प्राप्त वेतन का 50 फीसदी से अधिक होगा।
जाने क्या है एनपीएस
नेशनल पेंशन स्किम (NPS) एक रिटायरमेंट सेविंग्स अकाउंट है, इसकी शुरुआत भारत सरकार ने 1 जनवरी, 2004 को की थी। पहले यह स्कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी, हालांकि 2009 के बाद इसे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी शुरू किया गया है। यहां बता दें कि NPS अकाउंट खुलवाने के लिए न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उम्र 65 साल है।रिटायरमेंट के समय कर्मचारी अपने कुल जमाधन का 60 प्रतिशत निकाल सकते थें, जिनमें उसका 40 प्रतिशत टैक्सेबल होता था लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। अब इसे टैक्स फ्री कर दिया गया है। कर्मचारी जो योगदान देते हैं वह 80सी में कवर होगा। कर्मचारी को निवेश का जो दो विकल्प दिया जाता था जिसमें एक इक्विटी का भी था, अब वह दोनों स्कीम में कभी भी चेंज कर सकेंगे। अभी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत 18 लाख कर्मचारी लाभार्थी हैं।