Chaitra Navratri 2023 Day 7 : चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरत्रि की पूजा की जाती है। इस दिन माँ कालरात्रि की उपासना करने से भक्त को अनंत कल्याण मिलता है और समस्त दुःखों से मुक्ति प्राप्त होती है। यह अवसर भक्तों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
इस दिन उपासना करने से भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें धन, विवाह, संतान एवं अन्य विभिन्न विषयों में सफलता मिलती है। इसलिए चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना करने से अनेक धर्मीक फल प्राप्त होते हैं। आइए जानें विस्तार से…
पूजा के शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ: 27 मार्च शाम 03 बजकर 57 मिनट से
चैत्र शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त: 28 मार्च शाम 05 बजकर 32 मिनट पर
सौभाग्य योग: 27 मार्च रात्रि 09 बजकर 50 मिनट से 28 मार्च रात्रि 10 बजे तक
जानें मां कालरात्रि की पूजन विधि
1. अगरबत्ती और धूप जलाएं।
2. माता कालरात्रि की मूर्ति के सामने स्थान बनाएं।
3. सात दाने, सात लौंग, सात इलायची, सात पान के पत्ते और सात सुपारी लेकर उन्हें धुप दें।
4. सात फलों को पूजन स्थल पर रखें।
5. अपने आसन पर बैठें और मां कालरात्रि की मूर्ति को स्थापित करें।
6. पंचामृत का अभिषेक करें और फूलों से मां कालरात्रि की पूजा करें।
7. फिर हल्दी और कुमकुम से मां कालरात्रि की मूर्ति को लेप करें।
8. उसके बाद, मां कालरात्रि को शोधन के लिए दूध, घी, दही, शहद और गंगा जल से सजाएं।
9. मां कालरात्रि की विधि के अनुसार मंत्रों का जप करें और उन्हें ध्यान में रखें।
10. पूजा के बाद, पंडित या ब्राह्मण को भोजन दें और आप भी उन्हें आहार दे सकते हैं।
मां कालरात्रि की कृपा पाने के उपाय
- मां कालरात्रि के मंत्र का जप करना उत्तम उपाय है। आप मंत्र “ॐ देवी कालरात्र्यै नमः” का जप कर सकते हैं। इस मंत्र का नियमित जप करने से माता कालरात्रि की कृपा प्राप्त होती है।
- माता कालरात्रि की पूजा करने से आप उनकी कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। पूजा के दौरान आप अपनी मनोकामनाएं व संकल्प कर सकते हैं और उनकी कृपा से अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
- माता कालरात्रि की कृपा पाने के लिए दान देना भी एक अच्छा उपाय है। आप अपनी सामाजिक उत्थान के लिए दान दे सकते हैं जैसे शिक्षा, खान-पान और वस्त्र आदि।
- इस व्रत में निराहार रहकर आप माता कालरात्रि के उपासना करते हुए उनकी कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। व्रत के दौरान आप माता कालरात्रि का जप कर सकते हैं और अपनी मनोकामनाएं उन्हें अर्पित कर सकते हैं।
- इसके अलावा, आप उनकी पूजा कर सकते हैं और उनकी कृपा से अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
मां कालरात्रि की कथा
माँ कालरात्रि की कथा हमारे पुराणों में विस्तृत रूप से बताई गई है। यह कथा श्री दुर्गा सप्तशती में उल्लेखित है। कुछ समय पहले, एक राक्षस राजा रक्तबीज नाम का राजा था, जो अपनी असत्य और अधर्मी शक्तियों के कारण पृथ्वी पर आजादी का राज चला रहा था। उसने अपनी शक्तियों से देवताओं को भी निराश कर दिया था।
देवताओं ने शक्ति की वापसी के लिए माँ दुर्गा से विनती की। मां दुर्गा ने उन्हें समझाया कि रक्तबीज को धर्म के मार्ग पर लाने के लिए एक और अद्भुत शक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने देवताओं को उनकी योग्यता के अनुसार उस शक्ति की विवरण दिया।
इस प्रकार उन्होंने एक और अद्भुत शक्ति का रूप लिया जो कालरात्रि के नाम से जानी जाती है। मां कालरात्रि ने दुर्गा के साथ संयुक्त रूप से रक्तबीज को मार गिराया। इस रूप में मां कालरात्रि अत्यंत भयंकर और दिव्य शक्ति का प्रतीक होती हैं।
मां कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली माँ जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि माँ तेरी जय ॥
मां कालरात्रि का भोग
- मां को आमतौर पर मिठाई और फलों का उपहार दिया जाता है।
- विशेष रूप से, जो लोग दुर्गा पूजा करते हैं, वे सूखे मेवे, पानी और दूध का उपयोग कर अलग-अलग प्रकार की मिठाइयां बनाते हैं।
- ये मिठाईयां आमतौर पर पूजा के बाद भोग के रूप में अर्पित की जाती है।
- इसके अलावा, कुछ लोग मां कात्यायनी के नाम पर ताम्बूल भी अर्पित करते हैं। ताम्बूल में ताम्बूल पान, कत्था और अन्य सामग्री शामिल होती है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों पर आधारित हैं। MP Breaking News इनकी पुष्टि नहीं करता है।)