Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन आज, जानें मां स्‍कंदमाता के पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि, भोग व शुभ रंग

Sanjucta Pandit
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Chaitra Navratri 2023, Skandamata

Chaitra Navratri 2023 Day 5 : चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा की पांचवी शक्ति मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन भक्तों को अभीष्ट फल प्रदान करने वाली मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा करने का विधान होता है। स्कंदमाता देवी के इस स्वरूप को देवी के चौथे स्वरूप के रूप में भी जाना जाता है। उनकी पूजा से मां सकल सुखों की प्राप्ति होती है और सभी विघ्नों से मुक्ति मिलती है।

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन आज, जानें मां स्‍कंदमाता के पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि, भोग व शुभ रंग

पूजा के शुभ मुहूर्त

  • चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि शुरू – 25 मार्च 2023, दोपहर 04.23
  • चैत्र शुक्ल पंचमी तिथि समाप्त – 26 मार्च 2023, दोपहर 04.32
  • शुभ (उत्तम) – सुबह 07.52 – सुबह 09.24
  • प्रीति योग – प्रात: 12.20 – रात 11.33
  • रवि योग – 26 मार्च 2023, दोपहर 02.01 – 27 मार्च 2023, सुबह 06.18

जानें स्‍कंदमाता की पूजन विधि

  1. सबसे पहले, एक सफ़ेद गढ़ा तैयार करें और उसमें मां स्कंदमाता का फोटो रखें। फिर, इस गढ़े के आसपास लाल रंग की चुनरी बिछा दें।
  2. दूसरी ओर, मंदिर को साफ सुथरा करें और उसमें आवश्यक सामग्री रखें।
  3. पूजा के लिए एक बैठक बनाएं और मां स्कंदमाता की मूर्ति को उस बैठक पर रखें।
  4. अब, एक थाली में मूंग की दाल, चावल, पूरी और हलवा रखें। उसके बाद, उस थाली को मां स्कंदमाता के चरणों के सामने रखें।
  5. अब, पूजन सामग्री से दीपक और अगरबत्ती जलाएं। दीपक को मां स्कंदमाता के सामने रखें।
  6. फूलों की माला को मां स्कंदमाता की मूर्ति पर सजाएं।
  7. अब, मां स्कंदमाता को धूप दें और पूर्णाहुति के लिए अक्षत और नारियल चढ़ाएं।
  8. अंत में, आरती करें और मां स्कंदमाता का भोग उन्हें अर्पित करें। फिर, आशीर्वाद लें और प्रसाद बांटें।

स्‍कंदमाता की कृपा पाने के उपाय

  1. मां स्कंदमाता के शुभ मंत्रों का जप करने से उनकी कृपा मिलती है। “ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः” यह मंत्र जप करने से भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  2. मां स्कंदमाता की कृपा पाने के लिए नवरात्रि के दौरान उपवास रखना बहुत शुभ माना जाता है। इससे शरीर में शुद्धि होती है और भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  3. मां स्कंदमाता की पूजा के समय ध्यान देने से उनकी कृपा पाने में मदद मिलती है। ध्यान करने से मन शांत होता है और भक्त का ध्यान सिर्फ मां स्कंदमाता पर होता है।
  4. भक्त अपनी संतुष्टि के लिए धन का दान कर सकते हैं। धन का दान करने से मां स्कंदमाता की कृपा पाने में मदद मिलती है।
  5. मां स्कंदमाता को उनके विधान से पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
  6. पूजा के अंत में, मां स्कंदमाता के चालीसा या आरती का पाठ करें।
  7. फिर अपने संकल्प को दोहराएं और अपने मन में मां स्कंदमाता के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।

स्‍कंदमाता के भोग

  1. पंचामृत: यह भोग पंचमृत का होता है जो छ: स्वादिष्ट वस्तुओं से मिलकर बनता है। यह छ: स्वादिष्ट वस्तुएं हैं: दूध, दही, घी, शहद, चीनी और तुलसी के पत्ते।
  2. फल: मां स्कंदमाता को फल भी अर्पित किया जाता है। यह आम, केला, सेब, अंगूर, नारियल और किसी भी दूसरे पसंद के फल से मिलकर बनाया जाता है।
  3. पान: पान के पत्ते, कत्था और चूना से बना खास भोग मां स्कंदमाता को अर्पित किया जाता है।
  4. मिठाई: मां स्कंदमाता को मिठाई भी अर्पित की जा सकती है। यह कोई भी पसंदीदा मिठाई हो सकती है, जैसे कि बर्फी, गुलाबजामुन, रसगुल्ला आदि।
  5. धूप: मां स्कंदमाता को धूप जलाकर उन्हें समर्पित किया जाता है।
  6. फूल: फूलों का भी भोग मां स्कंदमाता को अर्पित किया जाता है।

स्‍कंदमाता की कथा

देवी पुराण में बताया गया है स्कंदमाता देवी की चार भुजाएं हैं और इनका वाहन सिंह है। उनके दाएं बुझाओं में स्कंद अर्थात कार्तिकेय हैं और कमल का पुष्प है। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से कुछ भी मांगों तो ये देवी भक्तों की मनोकामना जरूर पूर्ण करती है।

स्‍कंदमाता की आरती

जय तेरी हो स्‍कंदमाता
पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं
हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं

कई नामों से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा

कही पहाड़ों पर हैं डेरा
कई शहरों में तेरा बसेरा

हर मंदिर में तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे

भगति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इंद्र आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आएं
तुम ही खंडा हाथ उठाएं

दासो को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुजाने आई

स्‍कंदमाता के शुभ रंग

मां स्कंदमाता के शुभ रंग भूरे वर्ण के होते हैं। इसलिए उनकी पूजा में भूरे वस्त्र एवं भूरे रंग के फूलों का प्रयोग किया जाता है। वैसे भी, नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता के अर्चना का विधान होता है जिसमें भूरे रंग की माला और भूरे रंग के फूलों का उपयोग करना चाहिए।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों पर आधारित हैं। MP Breaking News इनकी पुष्टि नहीं करता है।)


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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