Char Dham Yatra 2023 : उत्तराखंड सरकार ने ऋषिकेश और हरिद्वार में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश और बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन को 30 अप्रैल तक बंद कर दिया है। यह फैसला सरकार के द्वारा लिया गया है क्योंकि मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भी बारिश और बर्फबारी के अनुमान जताया है। बता दें कि 22 अप्रैल 2023 को चार धाम यात्रा की शुरुआत हुई थी, जिसमें गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे।
CM ने की अपील
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दौरान भारी बर्फबारी और बारिश के कारण कुछ असुविधाएं हो सकती हैं। इसलिए सीएम पुष्कर धामी ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए अपनी यात्रा की शुरुआत करें। जिला प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं से मौसम के अनुसार यात्रा करने की अपील की है। केदारनाथ धाम के रजिस्ट्रेशन पर भी रोक लगाई गयी है जो मौसम की स्थिति स्पष्ट होने के बाद फिर से शुरु होगा।
25 अप्रैल को श्री केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। श्री #Kedarnath धाम में गत दिनों से हो रही बारिश-बर्फबारी के मद्देनजर श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे मौसम के मद्देनजर संभल कर और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार यात्रा प्रारंभ करें। #CharDhamYatra2023
— CM Office Uttarakhand (@ukcmo) April 23, 2023
दिशानिर्देश जारी
स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया है कि, श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की देखभाल को महत्वपूर्ण मानते हुए उन्हें उनकी यात्रा के दौरान स्वस्थ रहने के लिए जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। यात्रियों को अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखना चाहिए और यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करने पर तुरंत स्थानीय चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। चार धाम यात्रा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है और हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु इन धामों को पहुंचते हैं। चार धाम यात्रा सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है और हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु इन धामों को पहुंचते हैं।
#WATCH उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले वहां भारी बर्फबारी हुई। केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल से खुल रहे हैं। pic.twitter.com/VFclDXzrh9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 23, 2023
इस यात्रा के लिए अब तक देश एवं विदेश से 16 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण किया है। सरकार द्वारा उनकी सहूलियत के लिए गर्म कपड़े साथ रखने की सलाह दी गई है लेकिन मौसम के अनुसार, यात्रा करने वक्त यदि मौसम खराब होता है तो उस हिसाब से उन्हें अपनी सुविधा देखकर चलनी चाहिए। बता दें कि तीर्थ यात्रियों की सुरक्षित के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मौसम विभाग ने चार धाम यात्रा के दौरान अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसलिए श्रद्धालुओं को इस समय सावधान रहना चाहिए और मौसम से जुड़ी जानकारी ध्यान से पढ़नी चाहिए। जिससे लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई।
चार धाम यात्रा का महत्व
चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस यात्रा का महत्व उसे भी अधिक बढ़ा देता है क्योंकि यह यात्रा धर्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होती है। चार धाम यात्रा के चार स्थान बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री हैं। इन धामों की स्थापना आदि शंकराचार्य द्वारा की गई थी और यहां जाकर श्रद्धालुओं को अपने पापों से मुक्ति मिलती है।
बद्रीनाथ धाम में विष्णु जी की मूर्ति है और इसे योग केन्द्र भी कहा जाता है। केदारनाथ धाम में शिव जी की मूर्ति होती है और इस धाम का नाम केदार नामक पहाड़ी से पड़ता है। यमुनोत्री धाम में यमुना नदी का उद्गम स्थल होता है और गंगोत्री धाम में गंगा नदी का उद्गम स्थल होता है। इन धामों के दर्शन से श्रद्धालु को अपने जीवन में सफलता, सुख, समृद्धि, स्वस्थता और धन की प्राप्ति की कामना की जाती है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु अपने आत्मा को शुद्ध करने का भी एक माध्यम होता है। इसलिए चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।