Chardham Yatra 2024: वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खुले बद्रीनाथ धाम के कपाट, लगी तीर्थयात्रियों की भीड़

चार धाम यात्रा अब पूर्ण स्वरूप में आ चुकी है। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के बाद अब बद्रीनाथ धाम के कपाट भी खुल चुके हैं।

Diksha Bhanupriy
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Chardham Yatra 2024: चार धाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। इसी बीच आज यानी 12 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट की विधि विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खोल दिए गए हैं। जिस समय मंदिर के द्वारा खोले जा रहे थे उसे समय सेना के बैंड की मधुर ध्वनि के बीच बद्री विशाल लाल की जय के नारे हर तरफ गूंज रहे थे। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा ने अब पूर्ण स्वरूप प्राप्त कर लिया है। प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूरी करते हुए 15 क्विंटल फूलों से यहां भविष्य सजावट की गई थी। तीर्थ यात्री दर्शन करने के लिए काफी उत्साहित है और हर कोई अखंड ज्योत के दर्शन करना चाहता है।

यात्री पहुंचे बद्रीनाथ धाम

बद्रीनाथ के कपाट भले ही आज खुले हैं लेकिन श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है और बीती शाम तक 5000 से अधिक तीर्थ यात्री यहां पर पहुंच चुके थे जबकि 15000 से ज्यादा लोग अलग-अलग पड़ाव पर मौजूद है। शुक्रवार को गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट खोले जा चुके हैं। आज बद्रीनाथ के कपाट खोले जाने से पहले शनिवार को बद्रीनाथ भगवान के प्रतिनिधि उद्धव जी, देवताओं के खजांची कुबेर जी और गरुड़ महाराज की डोली तेल कलश यात्रा बद्री मंदिर से बद्रीनाथ धाम पहुंची थी। मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया सुबह 5 बजे पूजन के साथ शुरू की गई थी।

6 बजे से शुरू हुए दर्शन

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद मंदिर के गर्भगृह में पुजारी ने प्रवेश किया और यहां पर माता लक्ष्मी के विग्रह को परिक्रमा स्थल में मौजूद लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया। इसके पश्चात यहां उद्धव जी और कुबेर जी को विराजित किया गया। सुबह 6 बजे भगवान बद्री विशाल की चतुर्भुज मूर्ति पर डाले गए घृत कंबल को अलग कर अभिषेक पूजन हुआ और फिर श्रृंगार दर्शन खोले गए। भगवान बद्री विशाल के साथ पूरी बद्रीश पंचायत जिसमें नर और नारायण, उद्धवजी, कुबेर जी शामिल है के दर्शन शुरू हो गए हैं।

यहां भी खुले कपाट

बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ-साथ जोशीमठ से 25 किलोमीटर दूर भविष्य बद्री धाम और उर्गम घाटी के बंशी नारायण के कपाट खोले जाने की परंपरा भी लंबे समय से चली आ रही है। इसके साथ बद्रीनाथ धाम मंदिर में मौजूद गणेश जी, केदारेश्वर जी, माता मूर्ति मंदिर, घंटाकरण जी, गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट भी एक-एक कर खोले जा रहे हैं।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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