MP Breaking News
Sun, Dec 21, 2025

उत्तराखंड उपचुनाव : चंपावत सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हासिल की ऐतहासिक जीत

Written by:Manuj Bhardwaj
Published:
उत्तराखंड उपचुनाव : चंपावत सीट से सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हासिल की ऐतहासिक जीत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंपावत उपचुनाव में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 55 हजार से अधिक वोटों के साथ धमाकेदार जीत दर्ज की है। लेकिन इस दौरान देश में कमजोर होती जा रही कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा कई, जहां पहली बार उसके उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई।

हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी ही नहीं बाकी दो और प्रत्याशियों की जमानत भी इस दौरान जब्त हो गई। उत्तराखंड में अभी तक हुए उपचुनाव में सीएम धामी की यह रिकॉर्ड जीत है। उन्होंने 55025 वोटों से जीत हासिल की है।

विधानसभा चुनाव में खटीमा सीट से चुनाव हारने के बावजूद बीजेपी ने धामी को सीएम चेहरा घोषित किया था, जिसके बाद उनके सामने 6 महीने के अंदर विधानसभा का टिकट लेकर अपनी काबिलियत साबित करने की चुनौती थी।

ये भी पढ़े … प्रदेश में आप की एंट्री, जनता के बीच से लाए जाएंगे उम्मीदवार

चंपावत सीट को निवर्तमान विधायक कैलाश गहतोड़ी ने पुष्कर सिंह धामी के लिए खाली किया था। 10 मार्च को जारी किए गए विधानसभा चुनाव के नतीजों में कैलाश ने इस सीट पर पांच हजार से अधिक वोटों के साथ कब्जा जमाया था। लेकिन धामी की इस जीत के साथ चंपावत को मात्र 85 दिन बाद ही नया विधायक मिल गया।

बता दे, उप चुनाव में सीएम धामी को पोस्टल बैलेट सहित कुल 58, 258(57268+990) वोट मिले, जबकि उनकी विरोधी निर्मला गहतोड़ी पोस्टल बैलेट सहित (3147+86)3233 वोट ही हासिल कर पाई।

वहीं, उपचुनाव में सपा प्रत्याशी मनोज कुमार और निर्दलीय प्रत्याशी हिमांशु गरकोटी हजार वोटों का आकड़ा भी नहीं छू पाए और क्रमशः महज 409 और 399 वोट पर ही सिमट कर रह गए।

ये भी पढ़े … प्रॉपर्टी के नाम पर 14 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर को उम्रकैद

सीएम योगी ने भी किया था प्रचार

चंपावत सीट से मैदान में उतरे पुष्कर सिंह धामी के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित आला दर्जे के नेताओं ने प्रचार किया था। वहीं निर्मला गहतोड़ी ने इस हार के बाद कांग्रेस संगठन को जमकर कोसा है, जहां उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन की ओर से उन्हें कोई भी स्पोर्ट नहीं मिला। संगठन का कोई भी कद्दवार नेता उनके प्रचार को चंपावत नहीं पहुंचा।