संसद भवन परिसर में गांधी, अम्बेडकर, शिवाजी की प्रतिमा का स्थान बदलने पर भड़की कांग्रेस, PM Modi पर साधा निशाना

Atul Saxena
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Congress angry at PM Modi : सांसद भवन में इस समय निर्माण कार्य चल रहा है जिसके चलते परिसर में स्थित महात्मा गांधी, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, छत्रपति शिवाजी, बिरसा मुंडा महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों की मूर्तियाँ वहां से हटाकर पीछे खिसका दी गई जिसे लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है,  कांग्रेस की खीझ  बताया है कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इसे BJP अपनी खीझ कांग्रेस से निकाले, हम मुकाबला करेंगे।

पवन खेड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संसद परिसर से महात्मा गांधी, छत्रपति शिवाजी महाराज और बाबासाहेब अम्बेडकर जी की मूर्ति हटा दी गईं। ये सब खीझ निकालने के लिए किया गया, क्योंकि – जब नरेंद्र मोदी ने कहा कि गांधी फिल्म आने से पहले उन्हें कोई नहीं जानता था, लेकिन जनता ने जवाब दिया तो गांधी जी की प्रतिमा हटा दी।

कांग्रेस का पीएम मोदी पर हमला – अपनी खीझ कांग्रेस से निकाले, हम मुकाबला करेंगे

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमने चुनावों में संविधान को बचाने की मुहिम छेड़ी तो खीझ निकलने के लिए अम्बेडकर जी की मूर्ति कहीं पीछे धकेल दिया। फिर जब महाराष्ट्र की जनता ने चुनावों में करारा जवाब दिया तो बदला लेने के लिए शिवाजी महाराज जी की मूर्ति हटा दी। उन्होंने कहा कि BJP अपनी खीझ निकालने की कोशिश छत्रपति शिवाजी महाराज जी, अम्बेडकर जी, गांधी जी, नेहरू जी से क्यों कर रही है? BJP अपनी खीझ कांग्रेस से निकाले, हम मुकाबला करेंगे।

पवन खेड़ा ने बताया NDA का नया फुल फॉर्म 

पवन खेड़ा ने पीएम मोदी द्वारा NDA पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक में NDA का फुल फॉर्म बताने पर पलटवार करते हुए खुद NDA का फुलफॉर्म बताया, पवन खेड़ा ने कहा अन NDA का मतलब अब ‘नायडू डिपेंडेंट अलायंस, नीतीश डिपेंडेंट अलायंस हो गया है। नरेंद्र मोदी ने पिछले 10 साल में NDA का नाम नहीं लिया, सिर्फ ‘मोदी की गारंटी’ कहते थे। अब कह रहे- ‘NDA की गारंटी’

कांग्रेस ने कहा लोकसभा सचिवालय ने मनगढ़ंत स्पष्टीकरण जारी किया 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आज X पर लिखा – कल दोपहर 2:30 पर मैंने इस बात को हाइलाइट किया कि कैसे मोदी शासन छत्रपति महाराज, महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर की मूर्तियों को संसद भवन के सामने स्थित विशिष्ट स्थानों से दूसरी जगह स्थानांतरित कर रहा है। मूर्तियों को हटाए जाने की तस्वीरें सामने आने के बाद, घबराहट में कल देर रात 8 बजे के बाद लोकसभा सचिवालय को इस बदलाव के लिए पूरी तरह से फर्जी और स्पष्ट रूप से मनगढ़ंत स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मूर्तियों के स्थान में बदलाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल से कोई चर्चा नहीं हुई है। बदलाव का असली कारण अब बताया जा सकता है।

ऐसे स्टंट अब उन्हें और उनकी अस्थिर सरकार को गिरने से नहीं बचा सकते

दरअसल ये मूर्तियां ही वे स्थान थे जहां पिछले 10 वर्षों से विपक्षी दल मोदी सरकार के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन करते थे – टीडीपी और जेडीयू भी इन प्रदर्शनों में शामिल होते थे। बनने जा रहे एक-तिहाई प्रधानमंत्री स्पष्ट रूप से संसद की बैठक के बगल में कोई जगह नहीं चाहते हैं जहां उनके और उनकी सरकार के खिलाफ संवैधानिक तरीके से भी विरोध प्रदर्शन हो सके। ऐसे स्टंट अब उन्हें और उनकी अस्थिर सरकार को गिरने से नहीं बचा सकते।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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