कांग्रेस फिर आंदोलन की तैयारी में, AICC महासचिवों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक में बनी मोदी सरकार को घेरने की योजना

कांग्रेस ने अडानी महाघोटाले के संदर्भ में JPC की मांग को दोहराया है। नेताओं ने कहा- जिस तरीके से नए खुलासे आए हैं, ये और भी जरूरी है कि JPC का गठन हो। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना करना जरूरी है। संविधान के अनुसार जातिगत जनगणना की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है।

congress meeting delhi

AICC general secretary meeting : कांग्रेस ने आज दिल्ली में राष्ट्रीय महासचिवों और, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों के साथ मीटिंग की जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई, बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित सभी बड़े नेता मौजूद थे।

सेबी अध्यक्ष के इस्तीफे और JPC के गठन की मांग 

बैठक में कहा गया कि शेयर बाजार में छोटे निवेशकों का पैसा खतरे में नहीं डाला जा सकता इसलिए सेबी और अडानी के बीच सांठगांठ के चौंकाने वाले खुलासे की गहन जांच की जरूरत है। मोदी सरकार को तुरंत सेबी अध्यक्ष का इस्तीफा मांगना चाहिए और इस संबंध में जेपीसी का गठन करना चाहिए।

जाति जनगणना की मांग पर अड़ी कांग्रेस  

नेताओं ने कहा कि बेलगाम बेरोजगारी और अनियंत्रित मुद्रास्फीति तथा घरेलू बचत में कमी जैसे गंभीर मुद्दे हमारा ध्यान केंद्रित हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गरीबों और मध्यम वर्ग को धोखा दिया गया है, संविधान पर हमला लगातार जारी है, जातीय जनगणना लोगों की मांग है ये होनी ही चाहिए, कांग्रेस पार्टी हमारे किसानों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखेगी।

एक बार फिर अग्निवीर योजना को बंद किये जाने पर जोर 

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हमारे देशभक्त युवाओं पर थोपी गई अग्निपथ योजना को ख़त्म किया जाना चाहिए। रेल दुर्घटनाओं पर भी चर्चा हुई जिसमें कहा गया कि ट्रेनों का पटरी से उतरना आम बात हो गई है, जिससे करोड़ों यात्रियों को परेशानी होती है। जलवायु संबंधी आपदाएँ और ढहता बुनियादी ढाँचा भी चिंता का कारण है। हम इन मुद्दों को लेकर एक राष्ट्रीय अभियान तैयार करेंगे और लोगों के पास जाएंगे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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