Delhi Airport Accident : शुक्रवार सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुए हादसे ने राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है। टर्मिनल-1 की छत और एक बड़ा पोल गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। इस हादसे के बाद सभी उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। लेकिन इस हादसे को लेकर विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
दिल्ली एयरपोर्ट का Terminal-1..
सिर्फ पेपर लीक नही हो रहे, पूरा देश लीक हो रहा है। pic.twitter.com/0DZnYKELAQ
— Srinivas BV (@srinivasiyc) June 28, 2024
कांग्रेस का आरोप:
दरअसल हादसे के बाद कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सोशल मीडिया पर टर्मिनल-1 का वीडियो शेयर करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘देश में सिर्फ पेपर लीक नहीं हो रहे हैं, बल्कि पूरा देश लीक हो रहा है।’ एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मोदी जी के ‘विकास’ ने 3 महीने में ही दम तोड़ दिया।
The part of T1 that collapsed was opened in 2009, when Congress led UPA was in power.
In those days there was no concept of quality check and contracts were given to whoever sent the biggest kickback to the ruling Congress.
Sonia Gandhi, who was then the super PM, must answer.
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 28, 2024
BJP ने किया बड़ा दावा:
हालांकि कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि ‘टर्मिनल-1 का जो हिस्सा ढहा, उसे 2009 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने बनवाया था।’ दरअसल मालवीय का कहना है कि, ‘उन दिनों गुणवत्ता जांच की कोई अवधारणा नहीं थी और सत्तारूढ़ कांग्रेस को सबसे बड़ी रिश्वत भेजने वाले को ही ठेके दे दिए जाते थे। सोनिया गांधी, जो उस समय सुपर पीएम थीं, उनको इसपर जवाब देना चाहिए।’
वहीं भाजपा ने यह बड़ा दावा किया कि टर्मिनल-1 का निर्माण 2009 में किया गया था, जब कांग्रेस सत्ता में थी। इस दौरान भाजपा की और से यह भी स्पष्ट किया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन नहीं किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने एक अलग परियोजना का उद्घाटन किया था। दरअसल बीजेपी का कहना है कि, “कांग्रेस दुष्प्रचार कर रही है कि इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया, लेकिन ये सच नहीं है। यह पुराना है; पीएम मोदी ने एक अलग ही उद्घाटन किया था।”
क्या है पूरा मामला:
दरअसल शुक्रवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की छत और एक बड़ा पोल अचानक नीचे गिर गई, जिससे कई गाड़ियां मलबे के नीचे दब गईं। घटना के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और छह घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से एक की मौत हो गई। हालांकि केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू खुद मौके पर पहुंचकर स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। एयरपोर्ट संचालित करने वाली कंपनी DIAL ने इस हादसे का कारण भारी बारिश बताया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन:
वहीं हादसे के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की और प्रभावितों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाने के निर्देश दिए। मलबे के नीचे अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू टीमें तेजी से काम कर रही हैं और एयरपोर्ट के अन्य हिस्सों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
उड़ानों पर हुआ इसका असर:
दरअसल हादसे के बाद टर्मिनल-1 से सभी उड़ानों को स्थगित कर दिया गया है। यात्रियों को अन्य टर्मिनल्स पर स्थानांतरित किया जा रहा है और उन्हें स्थिति के बारे में सूचित किया जा रहा है। एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों से संयम बनाए रखने की अपील की है और जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल करने का वादा किया है।
हालांकि दिल्ली एयरपोर्ट हादसे ने राजनीतिक दलों के बीच एक नई बहस को जन्म दे दिया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस घटना को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जहां कांग्रेस ने मोदी सरकार की आलोचना की है, वहीं भाजपा ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह हादसा उनके शासनकाल में बनाई गई संरचनात्मक खामियों का नतीजा है। हालांकि इस हादसे ने एक बार फिर से निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।