नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। जैसे जैसे लोगों की आमदनी बढ़ रही है, वैसे-वैसे लोग वाहनों में इन्वेस्ट करते जा रहे हैं। आप किसी शहर, गली या मोहल्ले में रहते हैं तो सुबह ऑफिस के टाइमिंग और शाम को घर वापसी के समय आपने कई बार यह नोटिस किया होगा कि अच्छा खासा जाम लग जाता है। साथ ही भागदौड़ भरी जिंदगी में कई बार ड्राइविंग के दौरान हमसे बड़ी गलतियां हो जाती हैं। जिसके कारण हमारा चालान बन जाता है। जिसमें कार ड्राइविंग के दौरान सीट बेल्ट न लगाना, बाइक चलाने के दौरान हेलमेट नहीं पहनना, गाड़ी की लाइट और हॉर्न का ठीक से काम नहीं करना शामिल है।
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यह सब ड्राइवर की गलती मानी जाती है। यह सब गलती होने के बाद भी इसका यह मतलब नहीं है कि ट्रैफिक कांस्टेबल आपका चालान काट दे। यदि कॉन्स्टेबल आपके गाड़ी से चाभी निकाल रहा है तो आपको बता दें यह नियम के खिलाफ है। कॉन्स्टेबल के पास आपको अरेस्ट करने, गाड़ी जब्त करने का अधिकार नहीं होता है। इस बात को कई लोग नहीं जानते हैं। वह अपनी गलती देखने पर ट्रैफिक पुलिस से डर जाते हैं। जबकि ऐसे मौके पर आपको अपने राइट्स के बारे में जागरूक रहना चाहिए।
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इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट 1932 के तहत ASI स्तर का अधिकारी ही ट्रेफिक वायलेशन पर आपका चालान काट सकता है। ASI, SI इंस्पेक्टर को स्पॉट फाइन करने का अधिकार है। ट्रैफिक कांस्टेबल सिर्फ इनकी मदद के लिए होते हैं। वह किसी की गाड़ी की चाबी नहीं निकाल सकते हैं। इतना ही नहीं वह गाड़ी के टायर की हवा भी नहीं निकाल सकते हैं। वह आपसे गलत तरीके से बातें बदसलूकी नहीं कर सकते हैं। कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी आपको बिना वजह परेशान कर रहा है तब आप उसके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकते हैं।
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इन बातों का रखें ध्यान गाड़ी चलाते समय
- आपका चालान काटने के लिए ट्रैफिक पुलिस के पास चालान बुक या फिर ई चालान मशीन जरूर होना चाहिए यदि इन दोनों में से कुछ भी उनके पास नहीं है तो आप का चालान नहीं कर सकते है।
- ट्रैफिक पुलिस को यूनिफॉर्म में रहना जरूरी है। यूनिफॉर्म पर बक्कल नंबर और उसका नाम होना चाहिए। यूनिफार्म नहीं होने के स्थिति में पुलिसकर्मी को अपना पहचान पत्र दिखाने के लिए आप पूछ सकते हैं।
- ट्रैफिक पुलिस का हेड कांस्टेबल आपके ऊपर ₹100 का फाइन कर सकता है। इससे ज्यादा का फाइन ट्रैफिक ऑफिसर यानी के ASI कर सकता है।
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- ट्रैफिक कॉन्स्टेबल यदि आपके गाड़ी की चाबी निकालता है। तो उस घटना का वीडियो बना लें। इस वीडियो को उस एरिया के पुलिस स्टेशन में जाकर किसी भी सीनियर अधिकारी को दिखा कर उसकी शिकायत कर दें।
- ड्राइविंग के समय यदि आपके पास लाइसेंस, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की ओरिजनल कॉपी नहीं है तो वहां गाड़ी का रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस की फोटोकॉपी से भी काम चल सकता है।
- आपके पास मौके पर यदि पैसे नहीं है तो आप बाद में भी फाइन भर सकते हैं। ऐसी स्थिति में कोर्ट चालान जारी करता है। जिसे कोर्ट में जाकर ही भरना पड़ता है। इस दौरान पिक अफसर आपका ड्राइविंग लाइसेंस अपने पास रख सकता है।
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मोटर वाहन अधिनियम 1988 में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मचारी को वाहन की चाबी निकालने का अधिकार नहीं सौंपा गया है। पुलिस कर्मचारी चेकिंग के दौरान वाहन मालिक के वाहन से संबंधित दस्तावेज मांग सकता है। मोटर वाहन अधिनियम 198 की धारा 3, 4 के तहत सभी वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना जरूरी होता है। धारा 183, 184, 185 के तहत वाहन की स्पीड लिमिट सही होना चाहिए। लापरवाही से वाहन चलाने या शराब पीकर गाड़ी चलाने आदि धाराओं में 6 महीने से लेकर 2 साल तक की सजा के साथ ₹1000 से लेकर ₹2000 तक का जुर्माना का प्रावधान शामिल हो सकता है। या दोनों एक साथ लागु हो सकता है।