नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने के प्रमुख कारण के रूप में दोषपूर्ण बैटरी सेल और मॉड्यूल की पहचान की गई है। ओला इलेक्ट्रिक सहित तीन कंपनियों से जुड़ी आग की घटनाओं की मामला को जांच की गयी है। ओला जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप द्वारा समर्थित है, और अप्रैल में देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली ई-स्कूटर निर्माता थी। रिपोर्ट की सीधी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, “ओला के मामले में, बैटरी सेल के साथ-साथ बैटरी प्रबंधन प्रणाली भी एक समस्या थी।”
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मार्च में, भारत ने ई-स्कूटर में आग लगने के बाद सुरक्षा चिंताओं पर एक जांच शुरू की थी। दरअसल एक घटना में एक व्यक्ति और उसकी बेटी की मृत्यु हो गई थी। भारत चाहता है कि ई-स्कूटर और ई-बाइक 2030 तक कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री का 80% हिस्सा बनाएं, जो आज लगभग 2% है। लेकिन सुरक्षा को लेकर चिंता उपभोक्ताओं के विश्वास को खतरे में डालती है और एक ऐसे क्षेत्र के विकास को पटरी से उतार सकती है जो देश के कार्बन कटौती कर सकती है।
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सरकार ने सभी कंपनियों के नमूने इकट्ठे कर लिए हैं।” जिसकी अंतिम जांच रिपोर्ट अगले दो सप्ताह में आ सकती है। कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “इन विशेषज्ञों के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, ओला बैटरी प्रबंधन प्रणाली में कोई खराबी नहीं थी और यह एक अलग थर्मल घटना थी।” “भारत सरकार की रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं की गई है ना ही हमारे साथ साझा की गई है। हम रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि हमने मार्च में ओला स्कूटर की घटना के मूल कारण की पहचान नहीं की है।”
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18 अप्रैल को, भारत में एलजीईएस के एक कार्यकारी ने बताया कि ओला “एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर सहयोग कर रहे हैं और मूल कारण को समझने की कोशिश कर रहे हैं।” सरकारी जांच में भारतीय स्टार्टअप ओकिनावा और प्योरईवी द्वारा निर्मित स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं की भी जांच की गई। ओकिनावा के मामले में सेल और बैटरी मॉड्यूल के साथ एक समस्या थी और प्योरईवी के लिए यह बैटरी केसिंग था।