बड़ा झटका : BJP के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे का इस्तीफा, कई दिनों से चल रहे थे नाराज

Pooja Khodani
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पुणे, डेस्क रिपोर्ट। महाराष्ट्र (Maharashtra) से बड़ी खबर मिल रही है, भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे (Eknath Khadse) ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है, हालांकि अभी इसका औपचारिक ऐलान होना बाकी है।खडसे ने प्रदेशाध्यक्ष को इस्तीफा भेजा है। फिलहाल, अभी उनकी ओर से इस्तीफे को मंजूर किए जाने की पुष्टि नहीं की गई है।  उनके इस्तीफे के साथ ही कयास लगाए जा रहे है वे  शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी एनसीपी (NCP) में शामिल हो सकते हैं, वही आज शाम वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसका ऐलान कर सकते है।

खडसे छह बार के विधायक रहे है और पिछली देवेन्द्र फडणवीस सरकार (Devendra Fadnavis Government) में मंत्री भी रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि खडसे मंत्रिपद जाने और विधानसभा में टिकट नहीं मिलने के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे थे, पिछले कई दिनों से उनकी नाराजगी की खबरें मीडिया में सुर्खियां बन रही थी, लेकिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (State BJP President Chandrakant Patil) ने आशंकाओं को खारिज कर दिया था।

दो दिन पहले ही महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि एक नाथ खड़से इस्तीफा नहीं देंगे। मुझे विश्वास है कि एकनाथ खड़से, जो एक वरिष्ठ नेता हैं, बीजेी में बने रहेंगे। कोई अगर पार्टी छोड़ता है तो मुझे इस्तीफा भैजता है क्योंकि मैं प्रदेश का अध्यक्ष हूं,  मुझे अभी तक किसी भी बड़े या छोटे नेता का इस्तीफा नहीं मिला है।वही पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणडवीस (Former Chief Minister Devendra Fandavis) ने विरोधियों पर तंज कसते हुए यहां तक कहा था कि खडसे के BJP छोड़ने का रोज मुहूर्त बनता है।

कई नेता हो सकते है NCP में शामिल, खडसे को मिल सकता है कृषि मंत्री का पद

संभावना जताई जा रही है कि एकनाथ खडसे जब एनसीपी में शामिल होंगे, तब उनके साथ रोहिणी खडसे खेवलकर समेत उनके कई समर्थक कई नेता भी बीजेपी छोड़कर एनसीपी में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार एनसीपी में शामिल होने के बाद एकनाथ खडसे को राकांपा कोटे से मंत्री पद भी दिया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि उन्हें कृषि मंत्री का पद मिल सकता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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