नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कर्मचारी भविष्य निधि के कर्मचारियों को जल्द अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। एम्प्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के तहत निवेश पर लगा कैप जल्द हट सकता है। अगर 15000 पेंशन कैलकुलेट करने की लिमिट हटाई जाती है तो कर्मचारियों की पेंशन की राशि दुगुनी हो जाएगी, फिलहाल पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में लंबित और सुनवाई चल रही है।इस पर जल्द फैसला आ सकता है।
यह भी पढे.. कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, मंत्रालय ने जारी किए ये निर्देश, जल्द मिलेगा लाभ
दरअसल, वर्तमान में एम्प्लॉई पेंशन स्कीम यानी ईपीएस (EPS Pension) के तहत पेंशन के लिए 15000 रुपये की हर महीने की सीलिंग या कैपिंग लगी है, इसे हटाने के लिए भारत संघ और एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) की ओर से 12 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई अभी चल रही है और इस पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है। अगर 2022 में EPS पर लगी कैंपिंग हटाई जाती है तो पेंशन में 7,500 रुपये से ज्यादा और कैप हटने पर पेंशन अगर 20,000 रुपये के बेसिक सैलरी पर कैलकुलेट होती है तो इसमें 8571 रुपये का लाभ मिलेगा।
खास बात ये है कि जब हम नौकरी करते है तब EPF के सदस्य बन जाते हैं, तो उसी समय हम EPS के भी सदस्य बन जाते हैं। एम्पलॉई पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी के खाते से 12% सैलरी का हिस्सा PF और बाद में यही राशि नियोक्ता के खाते में भी जाती है। इसमें से एक हिस्सा 8.33 परसेंट EPS में भी जाता है यानि हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15,000 का 8.33%) 1250 रुपये होता है। जब कर्मचारी रिटायर होता है तब भी पेंशन की गणना करने के लिए अधिकतम वेतन 15000 रुपये ही माना जाता है, इस हिसाब से एक कर्मचारी EPS के तहत अधिकतम पेंशन 7,500 रुपये ही पा सकता है,अगर कैपिंग हटेगी तो फायदा ज्यादा मिलेगा, लेकिन इसके लिए EPS का योगदान भी बढ़ाना होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,इस पूरी प्रक्रिया को उदाहरण के तौर पर समझें तो, अगर पेंशन से 15000 की लिमिट को खत्म कर दिया जाए और बेसिक सैलरी 20000 की जाए तो पेंशन की राशि 7500 से ज्यादा यानि 8,571 (20,000 X 30)/70 = 8,571 रुपये मिलेगा। इसके लिए आप EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला= मंथली पेंशन=(पेंशन योग्य सैलरी x EPS कंट्रीब्यूशन) (मंथली पेंशन = 15,000X30/70-6428 रुपए) से चेक कर सकते है, लेकिन इसके लिए एम्प्लॉयर का EPS में योगदान में भी बढोतरी करनी होगी, ताकी रिटायरमेंट के समय पेंशन की राशि मिल सके। मतलब कि हर महीने पेंशन का हिस्सा अधिकतम (15,000 का 8.33%) 1250 रुपये होता है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अगर आपने EPS में योगदान 1 सितंबर, 2014 से पहले शुरू किया है तो पेंशन योगदान के लिए मंथली सैलरी की अधिकतम सीमा 6500 रुपये और 1 सितंबर, 2014 के बाद है तो अधिकतम सैलरी की सीमा 15,000 होगी। इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि कर्मचारी की 6 महीने या इससे ज्यादा की सर्विस को 1 साल माना जाएगा और इससे कम हुआ तो उसकी गिनती नहीं होगी। मतलब अगर कर्मचारी ने 14 साल 7 महीने काम किया है तो उसे 15 साल माना जाएगा, लेकिन 14 साल 5 महीने काम किया है तो सिर्फ 14 साल की ही सर्विस काउंट होगी।
जानें ईपीएस के नए नियम
- ईपीएफ सदस्य अनिवार्य और कम से कम 10 साल की रेगुलर नौकरी।
- 50 साल के बाद भी पेंशन लेने का विकल्प।इसके लिए आपको 10 D फॉर्म भरना होगा।
- कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार को पेंशन।
- यदि सेवा इतिहास 10 वर्ष से कम है, तो उन्हें 58 वर्ष की आयु में पेंशन राशि निकालने का विकल्प मिलेगा
- भविष्य निधि संगठन के सदस्य ईपीएस के सदस्य भी बन जाते हैं।