National Pension Scheme : 23 जुलाई को केन्द्र की मोदी सरकार बजट पेश करने वाली है। कयास लगाए जा रहे है कि इस बजट में नेशनल पेंशन स्कीम के तहत 50% पेंशन गारंटी को मंजूरी मिल सकती है । पेंशन गारंटी को स्वीकृति मिलने के बाद जो कर्मचारी 50,000 रुपये के अंतिम वेतन पर रिटायर होंगे, उन्हें हर महीने पेंशन के रूप में 25,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। हालांकि कर्मी द्वारा की गई नौकरी का समय और पेंशन कोष से कर्मचारी द्वारा किसी भी तरह की निकासी का समायोजन किया जाएगा।
पिछले साल गठित हुई थी कमेटी
दरअसल, पिछले साल पांच राज्यों में पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के बाद अब देशभर में ओपीएस की मांग उठ रही है, लेकिन केंद्र सरकार इसे बहाल करने के मूड में नहीं है, बल्कि इसके लिए NPS में ही बदलाव करने की तैयारी में है।इसके लिए पिछले साल 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के बाद वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया था, इस कमेटी का मकसद नॉन कंट्रीब्यूटरी ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) पर वापस लौटे बिना नेशनल पेंशन सिस्टम के तहत पेंशन लाभों में सुधार के तरीकों का पता लगाना था।
बजट में हो सकता है कोई ऐलान
उम्मीद है कि सरकार एनपीएस’ में ही ‘ओपीएस’ वाले प्रावधान शामिल कर सकती है और बजट में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के अंतिम वेतन पर 50 प्रतिशत की पेंशन गारंटी देकर कर्मचारियों को साध सकती है, हालांकि नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के वरिष्ठ पदाधिकारी, स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) इसके लिए तैयार नहीं है, उनका कहना है कि कर्मियों को केवल ‘गारंटीकृत पुरानी पेंशन’ ही चाहिए, उन्हें एनपीएस में सुधार मंजूर नहीं है।