Employees News : एक हफ्ते बाद केंद्र की मोदी सरकार इस साल का पूर्ण बजट पेश करने वाली है, जिसमें हर वर्ग को बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि केन्द्रीय कर्मचारियों को भी बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। संभावना है कि केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि में योगदान करने के लिए वेतन की न्यूनतम सीमा में वृद्धि कर सकती है। अभी न्यूनतम वेतन 15,000 रुपये है, जिसे बजट में बढ़ाकर 25,000 रुपये किया जा सकता हैं।
मजदूर संघ ने केन्द्र से की ये मांग
श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (BMM) ने केन्द्र सरकार से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए वेतन-सीमा को दोगुना करने का आग्रह किया है।फिलहाल EPFO की कर्मचारी पेंशन योजना-1995 के लिए मासिक वेतन सीमा 15,000 रुपये है, जबकि ESIC के मामले में यह 21,000 रुपये है। वही श्रमिक संगठन ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS- 1995) के तहत VDA के साथ न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये मासिक करने और इसे आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने का भी अनुरोध किया है।
मुहर लगी तो PF अकाउंट/पेंशन में होगी वृद्धि
खबर है कि इसको लेकर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक प्रस्ताव भी तैयार किया है।अगर सरकार आगामी बजट में मौजूदा लिमिट बढ़ाती है, तो इस योजना के तहत आने वाले नए कर्मचारियों को अपने सैलरी स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है।पीएफ अकाउंट और पेंशन खाते में अधिक रकम जाएगी। अभी अधिकतर राज्यों में न्यूनतम मजदूरी 18,000 से 25,000 रुपये के बीच है। इस लिमिट को बढ़ाने से सरकार और निजी क्षेत्र दोनों पर भारी वित्तीय प्रभाव पड़ेगा।इससे पहले न्यूनतम वेतन सीमा में दस साल पहले यानी 1 सितंबर 2014 को वृद्धि हुई थी, उस समय न्यूनतम वेतन सीमा को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई थी।