EPFO New Rules : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के खाताधारकों और कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। EPFO ने एक और बदलाव किया है। ईपीएफओ ने अब UAN को फ्रीज और डी-फ्रीज करने के लिए एसओपी जारी की है। स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर में वैरिफिकेशन के लिए किसी भी व्यक्ति या कंपनी के अकाउंट को फ्रीज करने की सीमित टाइम लिमिट तय की गई है।
क्या लिखा है ईपीएफओ की एसओपी में
दरअसल, 4 जुलाई को एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा UAN को फ्रीज और डी-फ्रीज करने के लिए जारी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर में बताया गया है कि किसी इंडीविजुअल या प्रतिष्ठान के अकाउंट के वेरिफिकेशन के लिए फ्रीज किए जाने वाले समय की लिमिट 30 दिन तय की गई है, जबकि इस समयसीमा को 14 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।जिन खातों से फर्जी ट्रांजैक्शन या धोखाधड़ी होने की संभावना है, उन्हें SOP के हिस्से के रूप में MID, UAN और संस्थानों के लिए वेरिफिकेशन कराना होगा, ताकी पता लगाया जा सके कि इन खातों में पैसा सुरक्षित है या नहीं।
जानिए क्या होता है EPF अकाउंट के फ्रीज होने का मतलब
- “फ्रीजिंग” का मतलब कैटेगरीज को कई कामों को निष्क्रिय करना ।
- यूनिफाइड पोर्टल (सदस्य/नियोक्ता) में लॉगिन करना।
- एक नया यूएएन बनाना या एमआईडी को पहले से मौजूद यूएएन से लिंक करना।
- मेंबर प्रोफाइल और केवाईसी/नियोक्ता डीएससी में कोई भी जोड़ या बदलाव।
- किसी एमआईडी में परिशिष्ट-ई, वीडीआर स्पेशल, वीडीआर ट्रांसफर-इन आदि के माध्यम से कोई भी डिपॉजिट
- क्लेम का कोई सेटलमेंट/फंड ट्रांसफर या निकासी
- नियोक्ता/अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के आधार/पैन/डीएससी के इस्तेमाल सहित समान पैन/जीएसटीएन आदि के आधार पर नए प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन।
जानिए क्या डी -फ्रीजिंग का मतलब?
- जिन कामों पर रोक लगाई गई है, उन्हें फिर से बहाल करना है और एक तय टाइम लिमिट में वैरिफिकेशन के बाद सही पाया जाना ।
- कैटेगरी ए: एमआईडी/यूएएन/प्रतिष्ठान जिन्हें समय-समय पर हेडऑफिस द्वारा पहचाना जाता है और सूचित किया जाता है।
- कैटेगरी बी : MID/UAN/प्रतिष्ठान जहां वास्तविक सदस्य के अलावा किसी अन्य को फंड ट्रांसफर या क्लेम के रूप में मेंबर प्रोफाइल और KYC डिटेल में बदलाव सहित कोई धोखाधड़ीपूर्ण निकासी का प्रयास किया जाता है.
- कैटेगरी सी: MID/UAN जहां सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना और/या इस संबंध में जारी निर्देशों का पालन किए बिना परिशिष्ट-ई, VDR स्पेशल, स्पेशल 10डी, VDR ट्रांसफर-इन आदि के माध्यम से जमा किए गए हैं।