नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। EPFO Update Today. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization) के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। जल्द ईपीएफओ के तहत वेतन की अनिवार्य सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये किया जा सकता है।वित्त मंत्रालय को भेजे गए इस प्रस्ताव पर एक हाई लेवल कमेटी ने सहमति जताई है। अगर यह प्रस्ताव लागू किया जाता है तो इससे 75 लाख अतिरिक्त वर्कर्स इस योजना के दायरे में आ जाएंगे ।
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दरअसल, ईपीएफओ ने करीब चार साल पहले वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें लिमिट बढ़ाने की बात कहीं गई थी। अब इस संबंध में एक उच्च स्तरीय समिति ने केन्द्र की मोदी सरकार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत सैलरी लिमिट को मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव दिया है।ईपीएफओ के सदस्य पेंशन योग्य वेतन में वृद्धि के पक्ष में हैं।समिति का कहना है कि केन्द्र सरकार सभी प्रस्तावों पर विचार करते हुए बैक डेट से सैलरी में वृद्धि को लागू कर सकती है।
पेंशन योग्य वेतन की सीमा पर आखिरी संशोधन 2014 में किया गया था, जिसमें सरकार ने पीएफ वेतन सीमा 6500 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये कर दी थी।अगर इस बार बढ़ाती है तो यह दायरा 21000 हो जाएगा। इसके लागू होने के बाद अनुमानित 75 लाख अतिरिक्त श्रमिकों को योजना के दायरे लाया जा सकेगा।वही समिति ने EPFO के लिए वेतन सीमा में वृद्धि को कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) समेत अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर भी लागू करने का सुझाव दिया है यानी ESIC में भी 21 हजार रुपये की वेतन सीमा की जा सकती है। इतना ही नहीं वेतन वृद्धि के लिए भी 2014 में अंतिम संशोधन की तरह समायोजित किया जा सकता है।
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बता दें कि केन्द्र सरकार ईपीएफ में हर साल 6,750 करोड़ रुपये देती है।इस स्कीम के तहत सरकार EPFO के सदस्यों की कुल सैलरी का 1.16 फीसदी का योगदान करती है, इसका लाभ लेने के लिए 20 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनी के लिए EPFO में रजिस्टर होना अनिवार्य है। 15000 के वेतन की सीमा बढ़ाकर 21,000 रुपये होने पर ना सिर्फ लाखों कर्मचारी रिटायरमेंट योजना के दायरे में आएंगे , बल्कि वेतन की सीमा कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के बराबर हो जाएगी। वही उन्हें ईपीएफओ की विभिन्न सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
योगदान की वर्तमान दरों पर एक नजर डाले तो एक मौजूदा ईपीएस सदस्य (01-09-2014 के अनुसार) के मामले में जिसका पेंशन योगदान पूर्व में ईपीएस वेतन सीमा 6500 रुपये का भुगतान किया गया था, जो 01-09-2014 से 15000 रुपये वेतन सीमा से ऊपर के कन्ट्रीब्यूशन में योगदान देता है, उसे अब नई सहमति देनी होगी और 15000 रुपये से अधिक के वेतन पर 1.16 प्रतिशत की राशि नियोक्ता के माध्यम से पेंशन फंड (A/C नंबर 10) में जमा करनी होगी।