Electric Vehicle policy: केंद्र सरकार की तरफ से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक ई वाहन नीति की शुरूआत की गई है, जिसका उद्देश्य ई- वाहनों में विनियोग को बढ़ाने के लिए है। वहीं इस नीति के तहत भारतीय उपभोक्ताओं को नए टेक्नोलॉजी की सुविधा मुहैया कराने के लिए मेक इन इंडिया योजना के तहत निश्चित की गई है।
वायु प्रदूषण को कम करने का मकसद
वहीं ई- वाहनों के संचालन का उद्देश्य उत्पादन की मात्रा में इजाफे के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाने का साथ ही व्यापारिक नुकसान को कम करना, वायु प्रदूषण को कम करने के अलावा कच्चे तेल के आयात की निर्भरता को भी कम करना है।
इस नीति के तहत कंपनियों के न्यूनतम निवेश 4,150 करोड़ निर्धारित किया गया है। जबकि अधिकतम निवेश पर कोई भी दायरा निर्धारित नहीं किया गया है। इसके साथ ही कंपनियों के पास ई-वाहनों के उत्पादन शुरू करने के लिए 3 साल का समय मिला है। वहीं इस नीति में कंपनियों को सालाना 8000 से ज्यादा ईवी की अनुमति नहीं दी जाएगी।