EV Policy को सरकार से मिली मंजूरी, ई वाहनों में विनियोग को बढ़ाना मुख्य मकसद

ई- वाहनों के संचालन का उद्देश्य उत्पादन की मात्रा में इजाफे के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाने का साथ ही व्यापारिक नुकसान को कम करना, वायु प्रदूषण को कम करना है।

Shashank Baranwal
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EV Policy

Electric Vehicle policy: केंद्र सरकार की तरफ से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक ई वाहन नीति की शुरूआत की गई है, जिसका उद्देश्य ई- वाहनों में विनियोग को बढ़ाने के लिए है। वहीं इस नीति के तहत भारतीय उपभोक्ताओं को नए टेक्नोलॉजी की सुविधा मुहैया कराने के लिए मेक इन इंडिया योजना के तहत निश्चित की गई है।

वायु प्रदूषण को कम करने का मकसद

वहीं ई- वाहनों के संचालन का उद्देश्य उत्पादन की मात्रा में इजाफे के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाने का साथ ही व्यापारिक नुकसान को कम करना, वायु प्रदूषण को कम करने के अलावा कच्चे तेल के आयात की निर्भरता को भी कम करना है।

इस नीति के तहत कंपनियों के न्यूनतम निवेश 4,150 करोड़ निर्धारित किया गया है। जबकि अधिकतम निवेश पर कोई भी दायरा निर्धारित नहीं किया गया है। इसके साथ ही कंपनियों के पास ई-वाहनों के उत्पादन शुरू करने के लिए 3 साल का समय मिला है। वहीं इस नीति में कंपनियों को सालाना 8000 से ज्यादा ईवी की अनुमति नहीं दी जाएगी।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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