किसानों को मिली केंद्र सरकार की सौगात! खरीफ फसलों पर बढ़ी MSP, इन फसलों के मूल्य में इतनी हुई वृद्धि

Manisha Kumari Pandey
Published on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट ने खरीफ फसलों (Kharif Crops) के लिए MSP यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य वृद्धि की मंजूरी दे दी है। इस बात की जानकारी केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा की पिछले सत्र की तुलना में कई खरीफ फसलों की एमएसपी में वृद्धि की गई है। सरकार ने कदम किसानों के हित में उठाया है। सरकार के इस फैसले से किसानों का मनोबल भी बढ़ेगा और उन्हें अब फसल के दाम भी अच्छे मिलेंगे।

यह भी पढ़े… विद्युत जामवाल की फिल्म “खुदा हाफिज 2” का ट्रेलर आउट, बड़े पर्दे पर फिल्म इस दिन होगी रिलीज

इस लिस्ट में 14 फसल शामिल है और उनकी अलग-अलग किस्मों सहित कुल 17 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाया गया है। इस साल फसल वर्ष 2022-23 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 100 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। कुल 523 रुपए की वृद्धि खरीफ फसलों पर की गई है। सूरजमुखी के लिए 385 रुपए एमएसपी वृद्धि हुई, कपास माध्यम रेशा पर 354, सोयाबीन पर 350 की वृद्धि की गई है।

यह भी पढ़े… कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर, अनुकंपा नियुक्ति पर नवीन दिशा निर्देश जारी, अब इस तरह मिलेगा लाभ

तो वहीं तिल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक वृद्धि हुई। अरहर, उड़द और मूंगफली पर 300 रुपए की बढ़ोतरी सरकार द्वारा की गई है। मक्का की MSP में 92 रुपए और ज्वार की MSP में 232 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। अनुराग ठाकुर ने कहा की इस साल कृषि बजट को कई गुना अधिक बढ़ाया गया है और फिलहाल सरकार प्राकृतिक फ़ार्मिंग पर ध्यान दे रही है। इसके अलावा ऐग्रिकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भी राशि जारी की गई है और सररकर सिचाई बीमा, मिट्टी की सेहत और पेंशन पर भी विचार कर रही है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News