Fastag Service: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार NHAI ने फास्टैग कस्टमर्स से अपने फास्टैग अकाउंट के लिए KYC प्रक्रिया को पूरा करने की गुजारिश की है। दरअसल NHAI के अनुसार 29 फरवरी के बाद बिना KYC अपडेट वाले फास्टैग बैंक डीएक्टिव हो जाएंगे। ऐसे में कस्टमर्स को बिना किसी परेशानी के फास्टैग की सुविधा चाहिए तो उसे अपने अकाउंट की KYC अपडेट करवाना पड़ेगी।
‘एक वाहन, एक फास्टैग’ नीति का पालन करना होगा:
दरअसल NHAI के अनुसार अब एक गाड़ी में कस्टमर्स सिर्फ एक फास्टैग का ही यूज कर पाएंगे। इसको लेकर NHAI ने यह साफ कर दिया है कि ‘फास्टैग यूजर्स को अब ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ नीति का पालन करना अनिवार्य होगा और इससे पहले जारी किए गए जो भी फास्टैग है उन्हें अपने संबंधित बैंकों को रिटर्न करना होगा। जिसके कारण अब सिर्फ नए फास्टैग अकाउंट ही एक्टिव होंगे।
RBI के नियमों का उल्लंघन:
जानकारी के अनुसार NHAI द्वारा फास्टैग से टोल प्लाजा के वेटिंग टाइम को कम करने और पारदर्शिता लाने के लिए ‘एक वाहन, एक फास्टैग’ अभियान शुरू किया गया है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि RBI के नियमों का उल्लंघन कर KYC के बिना फास्टैग जारी किए जाने की हालिया रिपोर्टों के जवाब में NHAI ने यह पहल शुरू की है। हालाँकि अब यह देखना होगा की आगे इसमें क्या होता है।
क्या है फास्टैग?
दरअसल फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर है। जो वाहन पर लगा रहता है। जानकारी के अनुसार फास्टैग रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या RFID तकनीक पर यह काम होता है। दरअसल जब आपकी गाडी टोल प्लाजा से गुजरती है तो प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लिया जाता है और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से माइनस हो जाती है।