नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला (woman) को फांसी (Hanging) की सजा दी जाएगी। महिला को मथुरा (Mathura) के महिला जेल में बने फांसी घर में लटकाया जाएगा। फांसी देने की तारीख अभी तय नहीं हुई है। फांसी घर की मरम्मत और फंदे के रस्सी का ऑर्डर दिया जा चुका है।
मामला अमरोहा (Amroha) का हैं जहां की शबनम (Shabnam) ने 13 साल पहले प्रेम प्रसंग के चलते परिवार के 7 लोगों की कुल्हाड़ी (Axe) से काटकर हत्या कर दी थी। शबनम अभी रामपुर जेल (Rampur Jail) में बंद है जबकी उसका प्रेमी आगरा जेल (Agra Jail) में है।
क्या है मामला
15 अप्रैल 2008 को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने पिता शौकत अली, मां हाशमी, भाई अनीस अहमद, उसकी पत्नी अंजुम, भतीजी राबिया और भाई राशिद के अलावा अनीस के 10 महीने के बेटे अर्श की भी हत्या कर दी थी।
पहले दवा देकर किया बेहोश फिर कुल्हाड़ी से काटा
शबनम ने परिवार के सभी सदस्यों को पहले दवा देकर बेहोश किया। इसके बाद अर्श को छोड़कर अन्य को कुल्हाड़ी से काट डाला, फिर अर्श का गला दबाकर उसे मारा डाला। शबनम के परिवीर वालों को जांच में पता चला था की वह गर्भवती थी, लेकिन परिवारवाले सलीम से उसकी शादी के लिए तैयार नहीं थे। इसी वजह से शबनम ने प्रेमी सलीम से मिलकर पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया।
जेल में शबनम ने बेटे को दिया था जन्म
14 सितंबर 2008 को शबनम ने जेल में रहने के दौरान बेटे को जन्म दिया था। 15 जुलाई 2015 को उसका बेटा जेल से बाहर आया और शबनम ने बेटे को अपने कॉलेज के दोस्त उस्मान(Usman) और उसकी पत्नी को सौंप दिया था। उस्मान बुलंदशहर (Bulandshahar) में पत्रकार(Journalist) हैं।
बेटा सौंपते वक्त शबनम ने रखी थी दो शर्तें
उसके बेटे को कभी भी उसके गांव में न ले जाया जाए, क्योंकि वहां उसकी जान को खतरा है और बेटे का नाम बदल दिया जाए।