S Jaishankar: टोक्यो में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के आयोजन में रायसीना गोलमेज सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-जापान के संबंधों पर विशेष चर्चा की। दरअसल इस सम्मलेन में उन्होंने कहा है कि आज के समय में दोनों देश यानी भारत और जापान रणनीतिक और ग्लोबल पार्टनरशिप का पूरा आनंद ले रहे हैं। साथ ही उन्होंने ग्लोबल सिस्टम में आने वाली चुनौतियों को लेकर भी इस दौरान बात की और कहा कि दोनों देशों द्वारा ‘वैश्विक स्तर पर नए संतुलन को सुलझाया जा रहा है और इसे हासिल किया जा रहा है।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान:
दरअसल इस दौरान विदेश मंत्री ने बताया कि भारत और जापान व्यापक कनेक्टिविटी की आवश्यकता को समझते हैं और दोनों देशों के पास इसमें साझा लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि भारत अपने पूर्व और पश्चिम कोरिडोर पर काम कर रहा है, जो अरब प्रायद्वीप से आईएमएसी पहल, अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा और पूर्व की ओर त्रिपक्षीय राजमार्ग को शामिल करेगा। वहीं उनका कहना है की यह पूरा होने पर एशिया के माध्यम से प्रशांत ये गलियारे अटलांटिक को जोड़ देंगे।
चुनौतियों की भी की चर्चा:
वहीं इस आयोजन में जयशंकर ने कहा कि विश्व में दिखाई देने वाली मेट्रिक्स में परिवर्तन हो रहा है और वे देश जो पहले शीर्ष थे, वे आज नहीं रहे, बल्कि उससे भी कम हैं। इस दौरान उन्होंने बताया की “आज जो भी मेट्रिक्स हम उपयोग कर रहे हैं, वे जीडीपी, टेक्नोलॉजी, प्रभाव या जनसांख्यिकी, शीर्ष 20 या 30 देश आज नहीं कर रहे हैं वे सब जो 2 दशक पहले थे, अब उससे भी कम कर रहे है जो वे 4 या 8 दशक पहले थे, न केवल वे देश जो हम पर प्रभाव डालते हैं वे अलग-अलग हैं, लेकिन परिणामस्वरूप, नए संतुलन को सुलझाया जा रहा है और कभी-कभी हासिल किया जा रहा है।”