नई दिल्ली।
1 दिसंबर को ओपी रावत मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर हो गए हैं। उनकी जगह सुनील अरोड़ा नए चुनाव आयुक्त बनाया गया है।रिटायर होते ही ओपी रावत ने ब्लैक मनी को लेकर केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। रावत ने कहा कि नोटबंदी के बाद भी चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लग पाई। चुनाव में कालेधन का भरपूर प्रय़ोग किया गया ।पिछले चुनावों के मुकाबले उन्हीं राज्य में अधिक कालेधन की बरामदगी हुई है।
ओपी रावत ने कहा है कि नोटबंदी से चुनाव में कालेधन का उपयोग नहीं रुका है। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार अधिक कालाधन बरामद हुआ है। रावत ने चुनाव में कालेधन के उपयोग पर चिंता जाहिर की है।उन्होंन कहा कि नोटबंदी के बाद यह कहा गया था कि चुनाव के दौरान पैसे का दुरुपयोग कम हो जाएगा। लेकिन बरामदगी के आंकड़ों के आधार पर यह साबित नहीं हो सका। नोटबंदी के बाद हुए चुनावों में भी पहले की तुलना से अधिक पैसे जब्त किए गए थे। ओपी रावत बोले कि ऐसा लगता है कि राजनेताओं और उनके फाइनेंसरों के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। चुनाव में इस प्रकार इस्तेमाल किया जाने वाला पैसा अधिकतम काला धन ही होता है। वही उन्होंने कहा कि चुनाव के नियम पुराने हो गए है उन्हें बदलने की जरूरत है।
बता दे कि ओपी रावत के कार्यकाल में त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हुए. इस दौरान कई जगह उपचुनाव भी हुए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा नियुक्त किए गए नए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने रविवार को अपना पदभार संभाल लिया। सुनील अरोड़ा ने शनिवार को रिटायर हुए ओपी रावत की जगह ली है। अब साल 2019 के लोकसभा चुनाव मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर सुनील अरोड़ा की निगरानी में होंगे। लोकसभा चुनाव के अलावा जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और सिक्कम विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधों पर है। इन सभी राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे।