Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्याओं को भोजन कराना और उपहार देना अत्यंत शुभ माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ चीज़ें ऐसी भी होती हैं जिन्हें कन्याओं को देने से उपवास और पूजा का फल नहीं मिलता है, बल्कि अशुभ परिणाम भी मिल सकते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि कन्या पूजन में ग़लत उपहार दिए जाएं, तो माता रानी नाराज़ हो सकती है। इसलिए ज़रूरी है कि हम सही उपहार चुनें और अशुभ चीज़ों से बचें। आइए जानते हैं कि किन वस्तुओं को कन्याओं को देने से बचना चाहिए और कौन से उपहार शुभ माने जाते हैं।

कन्या पूजन का क्या महत्व है?
- चैत्र नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन छोटी कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर उन्हें सम्मानित किया जाता है।
- सबसे पहले कन्याओं की पैर धोए जाते हैं, फिर उन्हें माता की चुनरी ओढ़ाई जाती है।
- शास्त्रों के अनुसार दो वर्ष से दस वर्ष की कन्याओं को देवी दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है।
- इसके बाद कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उन्हें उपहार में चीज़ें दी जाती है।
- यह विधि कन्या पूजन या कंजक के नाम से जानी जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि में कन्या पूजन पाँच और छह अप्रैल को किया जाएगा।
कन्याओं को उपहार में क्या नहीं देना चाहिए?
काले कपड़े या फिर चमड़े की वस्तु: धार्मिक मान्यताओं में काला रंग नकारात्मकता और शनि ग्रह से जुड़ा होता है। चमड़े की चीज़ें तामसिक मानी जाती है जो पूजा के दौरान अशुभ होती है।
नुकीली या धारदार वस्तु: कन्या पूजन में कन्याओं को किसी भी तरह की धारदार वस्तुएँ नहीं देनी चाहिए। ये चीज़ें अशांति का कारण बन सकती है।
प्लास्टिक के खिलौने: कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को प्लास्टिक की चीज़ें नहीं देना चाहिए।
कन्याओं को उपहार में क्या देना चाहिए
श्रंगार की चीज़ें: कन्याओं को आप श्रंगार की चीज़ें दे सकते हैं जैसे चूड़ी, बिंदी, मेहंदी आदि।
पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी चीज़ें: कन्याओं को उपहार में कॉपी किताब या फिर पेन दे सकते हैं।
नए कपड़े: कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को नए वस्त्र भी उपहार में दे सकते हैं।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।