नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट | आज 2 अक्टूबर को पूरे देश में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti 2022) मनाई जा रही है। इस अवसर पर सभी देशवासी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। इसी कड़ी में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विजय पथ उनके समाधि स्थल पर पहुंचकर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि पीएम मोदी ने बापू की 153वीं जयंती पर उनके विचारों से जुड़ा एक वीडियो संदेश साझा किया है।
प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो साझा किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि, “गांधी जयंती पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि। यह गांधी जयंती और भी खास है, क्योंकि भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। हम हमेशा बापू के आदर्शों पर खरा उतरें। मैं आप सभी से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में खादी और हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने का भी आग्रह करता हूं।
Paying homage to Mahatma Gandhi on #GandhiJayanti . This Gandhi Jayanti is even more special because India is marking Azadi Ka Amrit Mahotsav. May we always live up to Bapu’s ideals. I also urge you all to purchase Khadi and handicrafts products as a tribute to Gandhi Ji. pic.twitter.com/pkU3BJHcsm
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2022
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बता दें कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजाद कराने की मुहिम चलाई थी। उन्होंने शांति का रास्ता अपनाकर देश को अंग्रेजों के कब्जे से मुक्त कराया था। दरअसल, उन्होंने सत्य के प्रति अडिग रहकर अपना पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया। महात्मा गांधी ने अपने विचारों से न केवल भारत को आजादी दिलाई बल्कि समाज में अनेक सुधार भी किए। जिसके सिद्धांतों की प्रासंगिकता आज भी कायम है। गांधी कहते थे कि सत्य ही ईश्वर है और ईश्वर ही सत्य है। उनके अनुसार धर्म से तात्पर्य किसी धर्म विशिष्ट से नहीं है बल्कि उस तत्व से है जो उसमें समान रूप से व्याप्त है। वे धर्म और नैतिकता में भेद नहीं मानते थे। गांधी जी ने अपना जीवन सत्य, या सच्चाई की व्यापक खोज में समर्पित कर दिया।
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राष्ट्रपिता के अंदर महिलाओं के प्रति आदर का भाव उनका मुख्य गुण था। वे स्त्री शक्ति को भली-भांति जानते और समझते थे। उनके शब्दों में महिला को अबला कहना उसकी मानहानि करना था। स्त्रियों के लिए गांधी जी के हृदय में अत्यंत गहरी सहानुभूति और आदर का भाव था। उनका मानना था कि स्त्रियों में चारित्रिक और नैतिक शक्ति पुरुष से अधिक होती है। उनमें त्याग, प्रेम और अहिंसा की शक्ति भी अधिक होती है। गांधी जी ने स्त्री को पुरुष से अधिक उच्चतर गुणों और नैतिकता से युक्त माना है। उनका कहना था कि स्त्री और पुरुष दोनों को परिवार तथा समाज में समान महत्व व पहचान मिलनी चाहिए, जिससे समाज में संतुलन बना रहे।
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