डेस्क रिपोर्ट। लंबे समय से चर्चा और चिंता का विषय बनी बच्चों की कोरोना वैक्सीन पर अब जल्द ही काम होने जा रहा है, सरकार जल्द ही 7 राज्यों में 12-17 साल के बच्चों को वैक्सीनेशन की शुरुआत करेगी। सरकार ने इन राज्यों से कहा है कि वो ऐसे जिलों को आइडेंटिफाई करें जहां वैक्सीनेशन कम हुआ है। माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार बच्चों के वैक्सीनेशन पर गाइडलाइन भी जारी कर सकती है।
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दरअसल जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जायकोव डी जल्द ही देश के टीकाकरण के अभियान में शामिल होने वाली है। इस टीके का इस्तेमाल बच्चों के टीकाकरण (12 साल से ऊपर) के लिए होगा। यह वैक्सीन सिरिंज या सुई से नहीं बल्कि एप्लिकेटर के जरिये लगाई जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सात राज्यों में इस टीके की इस्तेमाल की मंजूरी दी है। ये राज्य बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड़, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल हैं। मंत्रालय ने इन राज्यों को ऐसे जिलों की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए जहां वैक्सीन की पहली डोज कम लगी है। उसके बाद ऐसे जिलों में 12-17 साल के लोगों को वैक्सीनेशन की शुरुआत होगी।
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प्रमुख फार्मा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर इस महीने तक केंद्र को जायकोव डी वैक्सीन की 1 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगी। केंद्र पहले ही वैक्सीन की एक करोड़ खुराक के लिए आर्डर दे चुका है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चों के टीकाकरण के लिए इस वैक्सीन की आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है। यह टीका वायरस के खिलाफ कंपनी द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित पहला डीएनए प्लास्मिड वैक्सीन है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में अब तक टीकों की 125 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी है। 79.13 करोड़ (84.3 फीसद) लाभार्थियों को पहली खुराक और 45.82 करोड़ (49 प्रतिशत) को दूसरी खुराक दी जा चुकी की है। देश में फिलहाल 18 साल से ऊपर के लोगों की टीकाकरण हो रहा है। इसके लिए तीन टीकों सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशिल्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पुतनिक V का इस्तेमाल हो रहा है।