Old Pension Scheme, OPS 2023 ; देशभर में पुरानी पेंशन योजना की मांग तेज हो गई है। वहीं कर्मचारियों के लिए भी पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा अगले साल पुरानी पेंशन योजना के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया था। अब शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से जोड़ने के लिए प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने सहमति प्रदान की है।
दरअसल झारखंड के विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना से जोड़ने के लिए प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने सहमति दी है। वहीं उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा सभी विश्वविद्यालय से पुरानी पेंशन योजना के तहत व्यय भार की मांग की गई है।
निदेशालय ने विभाग से मांगी जानकारी
वहीं वित्त विभाग सहित उच्च शिक्षा निदेशालय द्वारा मांग की गई है कि विश्वविद्यालय में अब तक कुल कितने पदाधिकारी शिक्षकों कर्मचारियों के परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर आवंटित किए गए हैं। वही उनके वेतन से अंशदाई योजना के तहत कटौती की गई है।
वही निदेशालय के पत्र में राज्य विश्वविद्यालय को छोड़कर सभी विश्वविद्यालय ने व्यवहार और अन्य वांछित जानकारी उपलब्ध करा दी है। साथ ही रांची विश्वविद्यालय से निदेशालय द्वारा जानकारी की मांग की गई है। विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के बाद आगे की कार्रवाई पूरी की जाएगी।
यह होगी प्रक्रिया
वही विश्वविद्यालय के मामले में राज्य सरकार द्वारा 2020-21 में नई पेंशन योजना से संबंधित पत्र भेजा गया था। जिसे अब तक वापस नहीं लिया गया है। वही पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए पहले उच्च शिक्षा निदेशालय को इन पत्रों को निरस्त करना होगा। इसके बाद 2004 से पूर्व के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जा सकता है।
यहाँ फंसा मामला
इससे पहले राज्य के विश्वविद्यालय में जेपीएससी के तहत नियुक्त हुए 2008 बैच के 750 शिक्षक सहित 2004 के बाद नियुक्त शिक्षक पदाधिकारी और अनुकंपा नियुक्ति हासिल करने वाले कर्मचारियों के लिए तकनीकी पेंच देखने को मिल रहा है। इसकी वजह से राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय में 20 -21 को विश्वविद्यालय को पत्र भेजकर जानकारी दी गई थी। जिसमें कहा गया था कि 2004 के बाद नियुक्त विश्वविद्यालय कर्मी को नई पेंशन योजना के दायरे में शामिल किया जा रहा है।
वहीं सरकार के पत्र मिलने के बाद ही शिक्षा पदाधिकारी सहित अनुकंपा पर नियुक्त हुए कर्मचारियों का विरोध देखने को मिला था। वही कर्मचारियों के विरोध का कारण था कि जब नियुक्ति 2004 के बाद विश्वविद्यालय में नई पेंशन योजना लागू करने और कटौती की जानकारी वर्ष 2020 में क्यों दी जा रही है?
इसी बीच विश्वविद्यालय शिक्षकों द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया था। वहीं अब कर्मचारियों पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। माना जा रहा है कि जल्दी विश्वविद्यालय कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में शामिल कर लिया जाएगा।