शिमला, डेस्क रिपोर्ट। आगामी चुनावों से पहले राज्य की जयरांम ठाकुर सरकार सरकारी कर्मचारियों, पेंशनरों समेत अन्य को बड़ी सौगातें दे रही है। इसी कड़ी में अब हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों को बड़ा तोहफा दिया है। इसके तहत अब ये 5 की बजाय 4 वर्ष में पदोन्नति होगी और डॉक्टर्स, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर बन सकेंगे। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी मेडिकल कॉलेज में सेवाएं देने वाले चिकित्सकों की डेजिग्नेटिड पदोन्नति (HP Doctors Promotion) के लिए 1 साल कम कर दिया है। इसके तहत अब सहायक प्रोफेसर से 4 साल की सेवा के बाद एसोसिएट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर 4 वर्ष के कार्यकाल के बाद प्रोफेसर पदनाम मिल जाएगा।
इस अधिसूचना के जारी होते ही स्टेट एसोसिएशन आफ मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स ने पदनाम देने के स्थान पर नियमित पदोन्नति की मांग की है। उनका कहना है कि अभी तक पदनाम तो मिल जाता है, लेकिन कोई भी वित्तीय लाभ नहीं मिलता है और उच्च पदनाम केवल नाम के लिए मिलता है।इसके अलावा हिमाचल सरकार ने 245 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति व तैनाती का भी आदेश जारी कर दिया है।
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इसके तहत अटल मेडिकल विश्वविद्यालय द्वारा चिकित्सा अधिकारियों की लिखित परीक्षा की मेरिट और स्वास्थ्य निदेशालय द्वारा दस्तावेजों को जांचने के बाद नियुक्ति और तैनाती की गई है। इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई। 300 पदों के लिए परीक्षा ली गई थी। अभी 55 पद और हैं, जिनपर नियुक्ति होना बाकी है।वही सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स की सुविधा के लिए 4 अन्य निजी आयुर्वेदिक चिकित्सालयों अस्पताल एवं क्षारसूत्र केंद्र ऊना और गौतम अस्पताल एवं क्षारसूत्र केंद्र ऊना को क्षारसूत्र उपचार के लिए, रोशनी अस्पताल मैहरे हमीरपुर को क्षारसूत्र उपचार और ओजस हेल्थ केयर सेंटर जिला शिमला को पंचकर्मा को मेडिकल रिइंबर्समेंट के लिए भी सूचीबद्ध किया है।





