Haryana Cabinet Meeting Decision: हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। शनिवार को सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ग्रेच्युटी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया । राज्य सरकार कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है।
यह वृद्धि एक जनवरी 2025 से प्रभावी होगी, जिससे ग्रेच्युटी सीमा 20 लाख रुपये से बढ़कर 25 लाख रुपये हो जाएगी।न्यायिक अधिकारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि को भी मंजूरी दी।बता दे कि हाल ही में राज्य सरकार ने कर्मचारियों पेंशनरों का महंगाई भत्ता 50 से बढ़ाकर 53% किया है और अब ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ी है।
जानिए क्या होता है ग्रेच्युटी
- ग्रेच्युटी, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रिटायरमेंट पर दिया जाने वाला एक लाभ है। किसी भी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है।
- पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत जिस भी कंपनी में 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं उसे अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना होता है।आमतौर पर यह पैसा तब मिलता है जब वो कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या फिर वह रिटायर होता है।
- कंपनी में कार्य करते समय अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो ग्रेच्युटी की रकम नॉमिनी को मिलती है। यहां 5 साल का नियम लागू नहीं होता है।
कैबिनेट बैठक में लिए गए ये भी अहम फैसले
- मंत्रिमंडल ने संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम-2024 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी है। अब संशोधन में 240 दिनों की सेवा की गणना के लिए एक कैलेंडर वर्ष के स्थान पर कॉन्ट्रैक्ट-सर्विस के एक वर्ष की अवधि को शामिल किया जाएगा। इसका लाभ उन संविदा कर्मचारियों को मिलेगा जो 15 अगस्त 2024 से पहले पांच साल की संविदा सेवा पूरी कर लेंगे।
- सेना और सीआरपीएफ के शहीदों के परिवारों की अनुग्रह राशि को 50 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिमाह करने का भी फैसला लिया गया।
- मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली प्रशासन नीति 2024 के प्रारूप को भी मंजूरी दी गई है। कर्मचारियों के सेवा रिकॉर्ड को HRMS में शामिल किया गया है।कर्मचारियों के सर्विस संबंधी डेटा को बनाए रखने और उससे उनके हित में फैसले लेने के लिए सभी जानकारियां एक जगह पर उपलब्ध रहेंगी। किस विभाग में कितनी पोस्ट खाली है, फिर उन पर भर्तियां आसानी से की जा सकेंगी।
- बैठक में हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा नियम-2007 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम-1951 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इससे हरियाणा सुपीरियर न्यायिक सेवा और हरियाणा सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) के मृतक सदस्यों के आश्रितों को अनुकंपा वित्तीय सहायता या नियुक्ति मिल सकेगी।
आज हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए प्रदेश और प्रदेश के नागरिकों के हित में अनेक निर्णय pic.twitter.com/6SbFgPsKQ5
— CMO Haryana (@cmohry) December 28, 2024