इन कर्मचारियों को मिला तोहफा, वेतन-भत्तों में संशोधन, अब खाते में आएगी 18000 तक राशि

वक्फ बोर्ड द्वारा वेतन बढ़ाए जाने के बाद अब कुशल कर्मचारियों को 18 हजार, अर्धकुशल कर्मचारियों को 16 हजार और अकुशल कर्मचारियों को 15 हजार रुपये प्रति माह दिया जाएगा।

JK Waqf Board Employees Salary Hike: जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने के बाद अब जेएंडके वक्फ बोर्ड ने अपने कर्मचारियों को ईद का तोहफा दिया है। बोर्ड ने इन कर्मचारियों के वेतन और मानदेय में भारी बढ़ोत्तरी की है। इसके अलावा भत्तों को भी बढ़ाया गया है।प्रदेश भर के 1,200 कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में मस्टर शीट, स्टाप गैप अरेंजमेंट और समेकित कर्मचारियों की सैलरी में 400 प्रतिशत और इमाम और खतीब सहित अन्य रेगुलर कर्मचारियों की सैलरी में 20 प्रतिशत की वृद्धि का फैसला किया गया है। बीबी हलीमा कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड मेडिकल टेक्नोलॉजी में टीचिंग फैकल्टी के वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की है।

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जानिए किसका कितना बढ़ा वेतन?

  • बोर्ड ने मस्टर शीट, स्टाप गैप अरेंजमेंट और समेकित कर्मचारियों को तीन श्रेणियों में बांटा है।इसके अनुसार कुशल कर्मचारियों को 18 हजार, अर्धकुशल कर्मचारियों को 16 हजार और अकुशल कर्मचारियों को 15 हजार रुपये प्रति माह दिया जाएगा।अबतक इन्हें केवल तीन हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा था।
  • नियमित कर्मचारियों, इमाम, खतीब, पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनरों के वेतन में 20 फीसदी वृद्धि।
  • इंजीनियरिंग विंग के कर्मचारियों के लिए 3,000 रुपये प्रतिमाह यात्रा भत्ता।

बीते दिनों सरकारी कर्मचारियों का बढ़ा था DA

बीते दिनों जम्मू कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार ने छठे वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का डीए 7 फीसदी बढ़ाया था, जिसके बाद छठे वेतन आयोग के कर्मचारियों का डीए/डीआर 239 प्रतिशत से बढ़कर 246 प्रतिशत हो गया है।नई दरें 1 जुलाई 2024 से लागू की गई है, ऐसे में जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक की अतिरिक्त किस्त का बकाया मार्च 2025 में नकद वितरित करने का फैसला किया है, जो मासिक वेतन और पेंशन में शामिल किया जाएगा।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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