Employees Retireent Age hike, Professors Retirement Age hike : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल एक बार फिर से उनकी सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया गया है। लंबे समय से कर्मचारियों द्वारा सेवानिवृत्ति आयु वृद्धि की मांग की जा रही है। LG द्वारा इसकी घोषणा की गई थी। LG द्वारा हुई घोषणा के बाद में सेवानिवृत्ति आयु में 3 वर्ष की वृद्धि देखी जाएगी। वहीं इसका लाभ अधिकारी कर्मचारियों को मिलेगा।
रिटायरमेंट आयु में 3 वर्ष की वृद्धि
जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कर्मचारियों के रिटायरमेंट आयु को 3 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है। सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की घोषणा की गई है। आधिकारिक दस्तावेज के मुताबिक जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसमें प्रोफेसर की सेवानिवृत्ति आयु को 3 वर्ष के लिए बढ़ाया गया है।
समिति का गठन
दस्तावेज़ के अनुसार प्रत्येक मामले की व्यक्तिगत रूप से जांच करने और किसी मामले पर आयु वृद्धि के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए 2023 की सरकारी आदेश के माध्यम से मुख्य सचिव, जम्मू कश्मीर अरुण कुमार मेहता की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ने कोई आवश्यक कार्रवाई के लिए जम्मू कश्मीर के रजिस्ट्रार को सरकार के फैसले के बारे में सूचित कर आया है। जल्द प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मापदंड के आधार पर की जाएगी समीक्षा
जारी आदेश के तहत 62 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले विश्वविद्यालय की प्रोफेसर के प्रदर्शन की कई मापदंड के आधार पर समीक्षा की जाएगी। इसके मूल्यांकन के आधार पर उनकी सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। हालांकि समिति प्रोफेसर के समग्र प्रदर्शन पर विचार करेगी।शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षण के लिए उपयुक्त शामिल करने सहित विश्वविद्यालय के अनुसंधान कार्य में उनके प्रगति पर अवलोकन और मूल्यांकन किया जाएगा।
कई अन्य मापदंड भी तय
इसमें स्पष्ट किया गया कि समिति जम्मू कश्मीर सरकार के सिविल सेवा अधिनियम के अनुसार अखंडता और आचरण मांगों को ध्यान में रखते हुए प्रोफेसर के सामान्य आचरण और व्यवहार का आकलन करेगी। इसके साथ ही कई अन्य मापदंड भी तय किए गए हैं। दस्तावेज के मुताबिक समिति प्रोफेसर के शोध में उनके योगदान पर भी मूल्यांकन करेगी। प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोध प्रकाशनों की संख्या, पीएचडी उम्मीदवारों की संख्या, पीएचडी से सम्मानित की गई संख्या सहित अन्य शोध परियोजनाओं को ध्यान में रखकर कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया जाएगा।
समिति प्रोफेसरों के मूल्यांकन उनके शिक्षण योगदान के आधार पर भी करेगी, जो छात्रों की प्रतिक्रिया और शिक्षण में अपनाया गया है। शैक्षणिक दृष्टिकोण के आधार पर मूल्यांकन तय किए जाएंगे। इसके अलावा प्रकाशन पुस्तकों, पुस्तकों के अध्याय की संख्या, सेमिनार सम्मेलन और कार्यशाला में भाग लेने सहित नए पाठ्यक्रम और पेटेंट सहित परामर्श कार्य और फेलोशिप भी इस समीक्षा में शामिल रहेंगे। इसके आधार पर उनकी सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाए जाने पर विचार किया जाएगा।